कांग्रेस नेता और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार (7 अगस्त) को बताया कि पार्टी ने अपने सभी सांसदों को सोमवार (8 अगस्त) को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए विप जारी किया है। जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया जा सकता है। कांग्रेस ने विधेयक का समर्थन किया है और सिंधिया का कहना है कि सरकार के लिए किसी तरह से कर की अधिकतम दर तय करना महत्त्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा- हम संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। यह इसके गुण-दोषों के आधार पर है। जीएसटी देश के लिए महत्त्वपूर्ण है। पार्टी संशोधनों के साथ विधेयक का समर्थन करेगी जिन्हें लेकर सत्तारूढ़ पार्टी ने हमें आश्वस्त किया है। बुधवार (3 अगस्त) को 122वें संविधान संशोधन विधेयक को राज्यसभा में पारित किया गया। इसमें देश में एक कर प्रणाली के रूप में जीएसटी लागू करने के लिए संविधान में संशोधन किया जा रहा है।
सिंधिया ने पत्रकारों को बताया- हमने कांग्रेस पार्टी के सभी लोकसभा सदस्यों की सदन में मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए विप जारी किया है। बकौल सिंधिया जीएसटी का विचार सबसे पहले कांग्रेस ने ही दिया था। उन्होंने कहा- हमारे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने बजट भाषण में देशभर में एक कर प्रणाली की अवधारणा की बात की थी। उसके बाद 2011 के बजट सत्र में सरकार ने जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक पेश किया, लेकिन भाजपा चार साल तक आम-सहमति नहीं बना सकी। नतीजतन विधेयक निष्प्रभावी हो गया।
सिंधिया ने कहा कि बाद में राजग सरकार ने मामले को उठाया और पिछले साल इसे लोकसभा में पारित कराया, जहां उसे बहुमत प्राप्त है। राजग सरकार लोकतंत्र की भावना में, यानी संवाद और आम-सहमति में भरोसा नहीं रखती थी। इसलिए यह लंबे समय से लंबित था। जब उन्हें लगा कि इसके लिए संवाद अनिवार्य है तो उन्होंने इसका मसविदा दोबारा तैयार किया और इसे राज्यसभा में लाए जहां इसे मंजूरी मिल गई।
मध्य प्रदेश के गुना से लोकसभा सदस्य सिंधिया ने कहा- हम चाहते हैं कि देश को जीएसटी से लाभ हो। कांग्रेस ने ही इसका विचार रखा था। हम इसे पारित करना चाहेंगे लेकिन सुनिश्चित करना चाहेंगे कि इसका लाभ जनता और देश तक पहुंचे। कांग्रेस ने पहले मांग की थी कि जीएसटी में ब्याज दर की सीमा 18 फीसद तय की जाए।