केंद्र ने मंगलवार को केंद्र सरकार के अकुशल गैर-कृषि कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी 350 रुपए दैनिक कर दी है जो अभी 246 रुपए है। यह मजदूर संगठनों को शांत करने का एक प्रयास है जिन्होंने शुक्रवार को देशव्यापी हड़ताल की चेतावनी दी है। यहां संवाददाताओं से बातचीत में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को संशोधित नियमों के आधार पर 2014-15 और 2015-16 के लिए बोनस दिया जाएगा। बोनस संशोधन कानून का कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिया कि सरकार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लंबित बोनस भुगतान के लंबित मामलों के निपटान के लिए जरूरी कदम उठाएगी।
इस कदम से सालाना 1,920 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ आएगा। जेटली ने कहा कि सरकार में अंतरमंत्रालयी समिति की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ बैठक हुई है। मजदूर संगठनों ने कई मांगें रखीं। इसमें कुछ मजदूर संबंधित और कुछ आर्थिक नीति से जुड़े मुद्दे थे। सरकार ने उनकी सिफारिशों के आधार पर कुछ फैसले किए हैं। इस मौके पर बिजली व कोयला मंत्री पीयूष गोयल और श्रम व रोजगार मंत्री बंडारू दत्तात्रेय भी मौजूद थे। जेटली ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी तय करने के तौरतरीकों को ध्यान में रखकर ‘सी’ श्रेणी के क्षेत्रों के लिए गैर-कृषि क्षेत्र में कार्यरत अकुशल कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी 350 रुपए दैनिक तय करने का फैसला किया गया है। न्यूनतम मजदूरी में संशोधन के लिए श्रम मंत्री की अध्यक्षता में न्यूनतम मजदूरी परामर्श बोर्ड की बैठक में विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों और उनकी नियुक्ति से संबंधित एजंसियों के लिए पंजीकरण जरूरी है। राज्यों को भी सलाह दी जाएगी कि उसे कड़ाई से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी। असंगठित क्षेत्र जैसे आंगनबाड़ी, मध्याह्न भोजन, आशा कार्यकर्ता में काम करने वालों को सामाजिक सुरक्षा देने के मुद्दे पर एक समिति विचार करेगी और जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी।
हड़ताल के आह्वान के बारे में पूछने पर जेटली ने कहा- मुझे लगता है कि हमारे पास काफी जिम्मेदार ट्रेड यूनियन हैं। सरकार की एसबीआइ के एसोसिएट बैंकों के मूल बैंक में विलय की योजना के बारे में उन्होंने कहा कि विलय का मुद्दा ट्रेड यूनियनों का नहीं है। उनकी सेवा-शर्तें कतई प्रभावित नहीं होंगी। विलय से किसी भी कर्मचारी की सेवा-शर्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अगर सरकार ने फैसला किया है कि हमें मजबूत बैंक की जरूरत है, तब यूनियनों को पूरे मामले में अपना रुख बदलना होगा।दत्तात्रेय ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ कई बैठकें की हैं जहां उनकी मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 2 सितंबर, 2016 को देशभर में हड़ताल का आह्वान किया है। मजदूर संगठन सरकार के श्रम सुधारों के खिलाफ हैं। उनका कहना है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही।