सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया के भविष्य निधि ट्रस्ट के खातों पर सवाल खड़े हुए हैं। एयर इंडिया कर्मचारी संघों की ओर से इन खातों की स्वतंत्र रूप से फॉरेंसिक जांच कराने की मांग की गई है। आरोप है कि ट्रस्ट के संदिग्ध और सवालिया निवेश की वजह से भारी नुकसान हुआ है। इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को एक ई-मेल भी भेजी गई है। इस ईमेल में कर्मचारी संघों ने हस्तक्षेप करने की अपील की है।

क्या लिखा है ईमेल: हरदीप पुरी को भेजे ई-मेल में कहा गया है, ‘‘हम हमारी दोनों पीएफ ट्रस्ट – एआईईपीएफ और आईएईपीएफ ट्रस्ट से जुड़े संकट को लेकर आपकी मदद और दिशा दिखाने वाले सुझाव पाने के लिए लिखने पर मजबूर हुए हैं। ये दोनों ट्रस्ट संयुक्त रूप से देश के सबसे बड़े ट्रस्टों में से एक हैं।”

इसमें आगे लिखा गया है, “यह हम सभी संघों के लिए एक स्तब्ध करने वाली बात है, हममें से कई इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया पीएफ ट्रस्ट रोजमर्रा के कामकाज में शामिल नहीं थे या हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि दिवालिया हो चुकीं आईएलएफएस और दीवान हाउसिंग फाइनेंस सहित अन्य कंपनियों में किये गये संदिग्ध निवेश की वजह से दोनों ट्रस्ट को भारी नुकसान हो रहा है।”

हजारों कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई जमा: ई-मेल में कहा गया कि एयर इंडिया के हजारों कर्मचारियों ने इन दोनों पीएफ ट्रस्ट में अपनी पूरे जीवन की कमाई जमा की हुई है और इस तरह के नुकसान से उनकी पूंजी का मूल्य कम हो जाएगा जिससे ट्रस्ट दिवालिया हो जाएंगे।

कर्मचारियों के संगठन ने हरदीप पुरी से कहा, “इन चीजों को ध्यान में रखते हुए हम आपसे हस्तक्षेप और सहयोग की मांग करते हैं ताकि सरकार इस नुकसान की पूर्ति करने में हमारी मदद करे। साल 1952 अधिनियम के तहत कर्मचारी को बिना किसी नुकसान के एयर इंडिया/इंडियन एयरलाइंस पीएफ ट्रस्ट को जरूरी सहायता दी जाये।”

कर्मचारी संघों का ये मंच पायलटों, इंजीनियरों, चालक दल के सदस्यों और अन्य कर्मियों सहित एयर इंडिया के 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है। (कोरोना काल में बदले हैं नाइट ड्यूटी अलाउंस के नियम, ऐसे मिलेगा फायदा​)