मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस जियो से जुड़ने वाले निवेशकों का कारवां अभी थमा नहीं हैं। अब गूगल की ओर से रिलायंस में 4 अरब अमेरिकी डॉलर यानी 30,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा सकता है। यदि गूगल की ओर से रिलायंस जियो में यह निवेश किया जाता है तो कंपनी को मिलने वाला यह 14वां बड़ा इन्वेस्टमेंट होगा। ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया है कि अगले सप्ताह तक इस डील का ऐलान किया जा सकता है। फिलहाल गूगल या फिर रिलायंस की ओर से इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
इससे पहले फेसबुक, विस्टा, जनरल अटलांटिक, क्वालकॉम, सिल्वर लेक समेत कई दिग्गज टेक कंपनियां रिलायंस जियो में निवेश कर चुकी हैं। रिलायंस जियो में इस भारी-भरकम निवेश के चलते ही शेयर मार्केट में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। सोमवार को भी शेयरों में 3 पर्सेंट का उछाल आया था, जिसके चलते मुकेश अंबानी की दौलत में भी इजाफा हुआ है और वह दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। गूगल के ही संस्थापकों लैरी पेज और सेरजे ब्रिन एवं टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को पछाड़कर मुकेश अंबानी ने यह उपलब्धि हासिल की है।
भारत में 75,000 करोड़ निवेश करेगा गूगल: इससे पहले सोमवार को ही गूगल ने ऐलान किया था कि उसकी ओर से भारत में 10 अरब डॉलर यानी 75,000 करोड़ रुपये का निवेश अगले 5 सालों में भारत में किया जाएगा। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक इवेंट को संबोधित करते हुए कहा था कि यह रकम भारत में डिजिटाइजेशन पर खर्च होगी। इससे भारत में डिजिटल तकनीक को बढ़ावा मिलेगा। गूगल की ओर से यह संकेत दिया गया था कि यह रकम पार्टनरशिप या फिर इक्विटी इन्वेस्टमेंट के जरिए भी खर्च की जा सकती है।
2004 में भारत में आया था गूगल: भारतीय मूल के सुंदर पिचाई ने कहा कि कोरोना के इस संकट ने यह साबित किया है कि आने वाले समय में कारोबार के लिहाज से तकनीक का बेहद अहम योगदान होगा। इसके अलावा परिवार और दोस्तों से जुड़ने के लिए भी तकनीक अहम हो जाएगी। 1998 में स्थापित हुए गूगल ने 2004 में बेंगलुरु और हैदराबाद में अपने दफ्तर बनाकर भारत में एंट्री की थी। फिलहाल भारत में 50 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं, जो चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी संख्या है।
