बड़ी संख्या में व्यापार प्रतिरोधी उपायों से चिंतित विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) ने जी-20 देशों से कहा है कि वह व्यापार में नए संरक्षणवादी उपायों को क्रियान्वित करने से दूर रहें। जी-20 देशों में भारत भी शामिल है। जी-20 व्यापार उपायों पर डब्लूटीओ की 14वीं व्यापार निगरानी रिपोर्ट से पता चलता है कि जी-20 अर्थव्यवस्थाओं के नए व्यापार-रोधी उपायों का उपयोग रिपोर्ट की पिछली अवधि के मुकाबले स्थिर बना हुआ है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जी-20 अर्थव्यवस्थाओं की ओर से नए व्यापार निरोधक उपाय भले ही नहीं अपनाए गए हों लेकिन ऐसे क्रियान्वित किए गए उपायों की संख्या काफी ज्यादा है।
डब्लूटीओ ने कहा कि अनिश्चित वैश्विक आर्थिक परिदृश्य का अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव लगातार जारी है। इसको देखते हुए रिपोर्ट में जी-20 के नेताओं से नए संरक्षणवादी उपायों से दूर रहने के संकल्प को वास्तविक रूप देने और मौजूदा व्यापार संरक्षणवादी उपायों को वापस लेने का आह्वान किया गया है। रिपोर्ट की अवधि 16 मई से 15 अक्तूबर के दौरान जी-20 अर्थव्यवस्थाओं ने 86 नए व्यापार संरक्षणवादी उपायों का उपयोग किया। कुल मिलाकर हर महीने औसतन 17 से अधिक नए उपाय किए गए जो पिछली रिपोर्टिंग अवधि की तुलना में लगभग स्थिर हैं। रिपोर्ट के अनुसार इन देशों ने 2008 से 1,441 व्यापार संरक्षण उपायों के उपयोग किए। इसमें से अक्तूबर के मध्य तक केवल 354 उपाय खत्म किए गए।
डब्लूटीओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि जी-20 देशों के संरक्षणवादी उपायों को वापस लेने के संकल्प के बावजूद 2008 से क्रियान्वित किए गए 75 फीसद उपाय बने हुए हैं। डब्लूटीओ ने कहा कि जी-20 देश व्यापार संरक्षणवादी उपायों को खत्म कर रहे हैं, लेकिन जिस रफ्तार से यह किया जा रहा है, वह अपर्याप्त है। डब्लूटीओ ने हाल में 2015 के लिए वैश्विक स्तर पर वस्तुओं के व्यापार में वृद्धि के अनुमान को 3.3 फीसद से घटाकर 2.8 फीसद कर दिया। वहीं 2016 के लिए यह चार फीसद से घटाकर 3.9 फीसद किया गया है। जी-20 देशों में आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, ईयू, भारत, जापान, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं। रिपोर्ट में जी-20 अर्थव्यवस्थाओं के 16 मई से 15 अक्तूबर 2015 के बीच क्रियान्वित व्यापार और व्यापार संबंधित उपायों की समीक्षा की गई है।
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