फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल और ओला के सीईओ भावीश अग्रवाल ने सरकार से स्वदेशी इंडस्ट्रीज के कारोबार को बढ़ावा देने की अपील की है। दोनों ही देश की सबसे मशहूर और कामयाब ई-कॉमर्स कंपनियों के मालिक हैं। इक्नॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक दोनों ने ही ये अपील की है कि सरकार देशी कंपनियों के कारोबार को बढ़ाने वाली नीतियां तैयार करे और विदेशी कंपनियों को रोकें। ओला के भावीश अग्रवाल ने कहा कि सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए, जिससे ऑनलाइन कैब सर्विसिस के सेगमेंट में भारतीय कंपनी को फायदा हो।

वहीं फ्लिपकार्ट के सचिन बंसल ने कहा कि 15 साल पहले जो चीन ने किया था, हमें भी वही करना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी कारोबार को बढ़ावा देने के लिए चीन का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि हमें दुनिया को बताना चाहिए कि उनकी पूंजी का हम स्वागत करते हैं, लेकिन उनकी कंपनियों के लिए यहां कोई जगह नहीं है। बंसल और अग्रवाल ने ये बातें कार्नेगी इंडिया ग्लोबल टेक्नॉलजी समिट में कही। दोनों ने अमेरिकी इंटरनेट टायकून्स ऐमजॉन और ऊबर पर निशाना साधा। उन्होंने ऐमजॉन और ऊबर को रोकने के और स्वदेशी कंपनियों को संरक्षण देने की
वकालत की।

ओला के भावीश अग्रवाल ने कहा कि ऑनलाइन ई-कॉमर्स और ऐप बेस्ड टैक्सी एग्रीगेटर बिजनस में विदेशी कंपनियां इनोवेशन की दुहाई दे रही हैं लेकिन इसमें मुकाबला पैसे के दम से लड़ा जाता है। उन्होंने आगे कहा कि इसमें इनोवेशन का कोई रोल नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पैसे के दम से मार्केट को खराब किया जा रहा है। उनका इशारा ऊबर की सस्ती सर्विसिस की तरफ था जो कि उनकी कंपनी को कड़ा मुकाबला दे रही है। ऐसे में उन्होंने भारतीय कंपनियों के संरक्षण की मांग की।

ऐमजॉन और ऊबर ने फ्लिपकार्ट और ओला के बाद भारत में बिजनस शुरू किया था, लेकिन उनके मार्केट शेयर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ऐसी स्थिति पर ही बंसल और अग्रवाल ने दावा किया है कि अमेरिकी कंपनियों के दबदबे से भारत में हाई वैल्यू जॉब्स पर खराब असर पड़ेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोकल कंपनियों का भारतीय बाजार में दबदबा होगा तो ई-कॉमर्स के सिक्यॉरिटी, डेटा और प्राइवेसी फीचर्स पर सिर्फ भारतीयों का केंट्रोल रहेगा।