फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) निवेश करने का एक परंपरागत साधन माना जाता है। हालांकि इसमें इनवेस्ट करने वाली राशि पर पिछले एक साल में ब्याज दरों में गिरावट देखी गई है। ऐसे में एफडी में निवेश करने से पहले सोच समझकर फैसला लेना चाहिए। क्योंकि बढ़ती मंहगाई और कम ब्याज दरों के चलते रिटर्न भी कम मिल रहे हैं, ऐसे में यह झटका देने वाला सौदा साबित हो रहा है।
बता दें कि एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई जैसे बड़े बैंकों द्वारा 3 साल से 5 साल की एफडी पर ब्याज दरें 5% से 5.3% तक होती हैं। यही वरिष्ठ नागरिकों के लिए इन बैंकों में दरें 20-60 बेसिस प्वाइंट से अधिक हैं। यह लगभग दो दशकों में सबसे कम ब्याज दर है। दूसरी तरफ मुद्रास्फीति 5-6% के आसपास रही है।
चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी ताजा मौद्रिक नीति समीक्षा में खुदरा मुद्रास्फीति (Retail Inflation) के 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है। पिछले हफ्ते RBI ने कहा था कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति के 2021-22 के दौरान 5.3 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान है।
मंहगाई दर की तुलना में निगेटिव रिटर्न: देश के सबसे बड़े बैंक में एक साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट करने पर जो रिटर्न मिलता है उसकी तुलना महंगाई दर से करें तो नेट आधार पर FD पर नेगिटिव रिटर्न मिल रहा है। जोकि विशेषज्ञों की नजर से फायदे का सौदा नहीं है। इस दर से निवेशक को माइनस 0.30 फीसदी का नुकसान सालाना होगा। इसको आप ऐसे समझ सकते हैं कि, आपका पैसा बढ़ने की बजाय घट रहा है।
SBI की ब्याज दर: गौरतलब है कि, अगस्त के महीने में खुदरा महंगाई दर 5.3 प्रतिशत रही थी। वहीं एक साल के एफडी पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया(SBI) 5 फीसदी से 5.50 फीसदी के बीच ब्याज दे रहा है। इसके अलावा 2-3 साल के पैसा फिक्स्ड करने पर ब्याज दर 5.10 फीसदी है। वहीं अगर निवेश 3-5 साल के लिए हो तो इसपर 5.30 फीसदी का इंट्रेस्ट मिल रहा है।
बता दें कि यह चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित महंगाई दर से कम या उसके आसपास है। 5-10 साल के एफडी के लिए इंट्रेस्ट रेट 5.40 फीसदी और सीनियर सिटीजन के लिए यह 6.20 फीसदी है।SBI की तरह HDFC बैंक भी 1-2 साल की अवधि में फिक्स्ड डिपॉजिट पर 4.90 फीसदी ब्याज दर दे रहा है। वहीं 2-3 साल के लिए यह ब्याज सीमा 5.15 फीसदी है।
फिलहाल लंबे फिक्स्ड डिपॉजिट की जगह अगर आप सरकार द्वारा चलाई जा रही छोटी बचत योजनाओं के रिटर्न पर ध्यान दें तो ये बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों से बेहतर हैं। छोटी बचत योजनाओं के तहत 1-3 साल के लिए अगर आप पैसा फिक्स्ड करते हैं तो इसके लिए ब्याज दर 5.5 फीसदी है, जो अनुमानित महंगाई लक्ष्य से ज्यादा है।
ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में अभी लंबे समय के लिए निवेश करना कम ब्याज दरों के चलते फायदेमंद साबित नहीं हो रहा। जानकारों का मानना है कि, यह वास्तविक दरें अभी कुछ समय के लिए नकारात्मक की दिशा में ही रहने वाली हैं।