Dewan Housing Finance Limited Crisis: दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) पर गलत तरीके से फंड के डायवर्जन की वजह से एक लाख जमाकर्ताओं का फिक्स्ड डिपॉजिट खतरे में है। देश की चौथी सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंसर डीएचएफएल कथित अनियमितताओं को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना कर रही है। आरोप है कि इस कंपनी के ग्लोबल टेररिस्ट दाऊद इब्राहिम के सहयोगी रहे इकबाल मिर्ची से लिंक हैं। कंपनी पर फंड डायवर्जन के आरोप लगाए गए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सरकार गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) द्वारा भी जांच शुरू कर सकती है, अगर ऐसा होता है तो कंपनी से जुड़े सभी भुगतानों को रोका जा सकता है। इसका सीधा असर फिक्स्ड डिपॉजिट होल्डर्स पर पड़ेगा। इनमें अधिकांश सेवानिवृत्त हैं जिन्होंने अपने जीवन की बड़ी बचत डीएचएफएल में निवेश की हुई है।

मालूम हो कि केपीएमजी की ओर से किए गए फॉरेंसिक ऑडिट में सामने आया है कि डीएचएफएल ने महज 1 लाख मुनाफा कमाने वाली 25 कंपनियों को 14000 करोड़ का लोन बांट दिया। बता दें कि कंपनी के ठिकानों पर बीते दिनों ईडी ने छापेमारी भी की थी। कंपनी पर सनब्‍लिंक रियल एस्‍टेट से सांठगांठ के आरोप हैं। कंपनी ने सनब्‍लिंक को 2,186 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। आरोप है कि यह कर्ज इकबाल मिर्ची को ट्रांसफर किया गया।

बता दें कि चालू वित्त वर्ष के जून में समाप्त पहली तिमाही में कंपनी ने खुद को घाटे में बताया है। कंपनी ने कहा है कि उसे 242.48 रुपए का घाटा हुआ है। डीएचएफएल को 2018-19 की चौथी तिमाही में 2,223 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। कंपनी की पूंजी जुटाने की क्षमता काफी कम हो गई है और कारोबार ठप पड़ गया है। इन घटनाक्रमों ने कंपनी की आगे कारोबार जारी रखने की क्षमता पर गंभीर खतरा खड़ा कर दिया है।