देश का विदेशी मुद्रा भंडार उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। 8 सितंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 2.604 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी के साथ आंकड़ा 400.72 अरब डॉलर हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सात दिन के अंतराल के साथ जारी विदेशी मुद्रा भंडार ने पिछले हफ्ते 400 अरब डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है।

इस दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) 2.56 अरब डॉलर बढ़कर 376. 20 अरब डॉलर हो गई। एफसीए में अधिकांश भंडार अमेरिकी डॉलर, यूरो, पौंड स्टर्लिंग, जापानी येन आदि जैसे विदेशी मुद्रा की परिसंपत्तियों के रूप में हैं। अमेरिकन ग्रीनबैक के अनुसार ये सभी परिसंपत्तियां मूल्यवान हैं। हालांकि, आरबीआई ने विदेशी मुद्रा भंडार का ब्रेक अप उपलब्ध नहीं कराया है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि कुल विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर का अनुपात 60 से 70 फीसदी हो सकता है।

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन साल में विदेशी मुद्रा भंडार में 100 अरब की बढ़ोत्तरी हुई है। इस साल की पहली तिमाही में भी इसमें 6.6 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। बता दें कि पिछले साल सितंबर में ही उर्जित पटेल आरबीआई के गवर्नर बने थे। उनके कार्यकाल में भी अब तक विदेशी मुद्रा भंडार में 30 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे अधिक हिस्सेदारी फॉरेन करेंसी एसेट (एफसीए), ड्रॉइंग राइट्स और सोने की है।

इस दौरान देश का स्वर्ण भंडार बिना किसी बदलाव के 20.691 अरब डॉलर पर बना हुआ है। अंतर्राष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ विशेष आहरण अधिकार भी 1.42 करोड़ डॉलर बढ़कर 1.520 अरब डॉलर हो गया है। आईएमएफ में भारत का भंडार भी 2.14 करोड़ डॉलर की वृद्धि के साथ 2.304 अरब डॉलर हो गया।