केंद्र सरकार 23 सरकारी कंपनियों में विनिवेश की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ेगी, जिन्हें लेकर पहले ही कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत सरकार ने सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्र के लिए खोलने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि किन सेक्टर्स को लेकर क्या नीति बनेगी, अभी इस पर अंतिम फैसला होना बाकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह जल्दी ही नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और छोटी फाइनेंस फर्म्स से मुलाकात कर इस बात की समीक्षा करेंगी कि उनकी ओर से कितने बिजनेस लोन जारी किए गए हैं।
केंद्र सरकार की विनिवेश की योजनाओं के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सही समय आने पर सरकार उचित कीमत पर हिस्सेदारी बेचेगी। उन्होंने कहा, ‘पहले ही करीब 22 से 23 ऐसी पीएसयू कंपनियां हैं, जिनके विनिवेश को सरकार की ओर से मंजूरी दी जा चुकी है। इससे साफ है कि जिन्हें सरकार की ओर से मंजूरी मिल चुकी है, कम से कम उन कंपनियों का विनिवेश तो होना ही है।’
बता दें कि मोदी सरकार ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में 2.10 लाख करोड़ रुपये विनिवेश के जरिए जुटाने का लक्ष्य तय किया है। इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी को बेचकर जुटाए जाने हैं। इसके अलावा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचकर 90 हजार करोड़ रुपये जुटाने का टारगेट है।
बता दें कि हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि मोदी सरकार अगले 5 साल का निजीकरण का प्लान तैयार कर रही है। थिंक टैंक नीति आयोग निजीकरण का प्लान तैयार करने में जुटा है। कारोबारी संगठन फिक्की की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के. राजराजन ने पिछले दिनों बताया था कि नीति आयोग ने 1 लाख करोड़ रुपये एसेट मोनेटाइजेशन का प्लान तैयार किया है।