वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (26 सितंबर 2019) को प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के साथ बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि देश में मौजूदा समय में लिक्विडिटी (नकदी) की समस्या नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि लोन की मांग बढ़ रही है। बैठक के बाद सीतारमण ने कहा ‘यह बैठक बेहद ही सकारात्मक रही और इसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई। किसी ने भी इस बैठक में उलट बात नहीं कि कुल मिलाकर यह बैठक “टॉनिक टॉक” रही। इस दौरान किसी भी बैंक ने लिक्विडिटी की समस्या की बात नहीं कही। लोन की अच्छी मांग है इस वजह से बैंकों ने लोन की मौजूदा सीमा को 45 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने का सुझाव दिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि लोन की मांग विशेषकर सस्ते मकानों की योजना के लिए ज्यादा है। हम इस पर ध्यान दे रहे हैं। 3 से 7 अक्टूबर तक 250 शहरों में लोन वितरण का मेगा आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन की खास बात यह है कि ग्राहक हर प्रकार की खरीदारी के लिए लोन ले सकेंगे। देश के निजी बैंक और एबीएफसी भी इस आयोजन में शामिल होंगे और अपनी सेवाएं देंगे।
वहीं ऑटो सेक्टर में छाई मंदी पर उन्होंने कहा कि कमर्शियल गाड़ियों की बिक्री मे गिरावट चक्रीय है जबकि सेंटीमेंट (धारणा) की वजह से पैसेंजर वाहनों की बिक्री में कमी आई है। बाजार में मांग और खपत है। मांग फिर से बढ़ेगी और अर्थव्यस्था की रफ्तार फिर से बढ़ेगी। अगले 6 महीने के दौरान सभी सेक्टर्स में रफ्तार नजर आएगी।
वहीं अर्थव्यवस्था में छा रही सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा त्योहारों का सीजन जल्द आने वाल है। लिहाजा सभी आउटरीच कार्यक्रम में शामिल होने और अलग-अलग जिलों में अपने प्रयासों को बढ़ाने का फैसला किया है। इसमें लोगों को बताया जाएगा कि बैंकों के पास भरपूर मात्रा में लिक्विडिटी है।