एयर इंडिया ने शुक्रवार को अपने स्टाफ के साथ एक दिन पहले मारपीट करने वाले शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ को ब्लैकलिस्ट कर दिया। वहीं, एयर इंडिया के इस फैसले के बाद प्राइवेट सेक्टर की चार एयरलाइंस ने भी शिवसेना सांसद के विमान में सफर पर रोक लगा दी है। गायकवाड़ ने गुरुवार को एयर इंडिया के ड्यूटी मैनेजर के साथ मारपीट की थी और प्लेन से गिराने की कोशिश की थी।
न्यूज एजंसी पीटीआई के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि फेडरेशन आफ इंडियन एयरलाइंस (एफआईए) ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए गायकवाड़ के विमान से यात्रा पर रोक लगा दी है। एफआईए के सदस्यों में जेट एयरवेज, इंडिगो, स्पाइसजेट और गो एयर शामिल हैं। सूत्रों ने कहा कि एफआईए शिवसेना सांसद को अपनी सदस्य विमानन कंपनियों की उड़ानों पर यात्रा की अनुमति नहीं देगा। माना जा रहा है कि फेडरेशन इस बारे में जल्द विस्तृत बयान जारी करेगा। इस बीच, बजट विमानन कंपनी इंडिगो ने कहा है कि वह उड़ान के दौरान गलत बर्ताव करने वाले यात्रियों पर रोक के किसी भी कदम का समर्थन करेगी।
शिवसेना सांसद द्वारा एयर इंडिया के एक कर्मी की पिटाई की घटना के बाद एयरलाइन ऐसे यात्रियों की सूची बना रही है जिन्हें उड़ान की अनुमति नहीं दी जाएगी। इंडिगो के अध्यक्ष एवं पूर्णकालिक निदेशक आदित्य घोष ने पीटीआई भाषा से कहा, “हम ऐसी किसी सूची का समर्थन करेंगे।” फिलहाल एयरलाइंस में इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। एयर इंडिया ने शिवसेना सांसद के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज कराई हैं। पार्टी ने भी उनसे इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।
क्या है पूरा मामला:
गायकवाड़ पुणे से दिल्ली के लिए एआई852 विमान में सफर कर रहे थे, जो सुबह 9.35 बजे दिल्ली पहुंची। यही विमान सुबह 10.55 बजे दिल्ली से गोवा के लिए उड़ान भरने वाली थी। दिल्ली पहुंचने के बाद विमान से सभी यात्री उतर गए, लेकिन गायकवाड़ नहीं उतरे। दरअसल सांसद के पास ओपन बिजनेस क्लास का टिकट था, लेकिन वह जिस विमान में सफर कर रहे थे उसमें अलग से बिजनेस क्लास नहीं थी। उन्हें विमान की पहली रो में एक सीट मुहैया कराई गई। नई दिल्ली आने के बाद सभी यात्री उतर गए लेकिन गायकवाड़ एक घंटे तक बैठे रहे। एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, “कर्मचारियों ने जब गायकवाड़ से विमान से उतरने के लिए कहा तो वह गालियां देने लगे और एयर इंडिया के कर्मचारी को चप्पलों से मारने लगे। गायकवाड़ ने उन्हें विमान से बाहर धक्का देने की कोशिश भी की, लेकिन अन्य कर्मचारियों ने उन्हें बचा लिया।”