भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2014 में 22 प्रतिशत बढ़कर 34 अरब डालर हो गया और उम्मीद है कि सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के तहत विनिर्माण को बढ़ावा देने से यह रूझान बरकरार रहेगा। यह बात संयुक्त राष्ट्र की रपट में कही गई है।

व्यापार एवं विकास पर संयुक्तराष्ट्र के संगठन (अंकटाड) विश्व निवेश रपट 2015 के अनुसा भारत के अच्छे प्रदर्शन के बदौलत दक्षिण एशिया में 2014 के दौरान एफडीआई प्रावाह बढ़कर 41 अरब डॉलर हो गया।

रपट में कहा गया ‘‘भारत में एफडीआई की तेजी 2015 में जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है .. एफडीआई प्रवाह के खंडवार ब्योरे के मुताबिक विनिर्माण में एडीआई बढ़ सकता है क्योंकि इस औद्योगिक क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के नीतिगत प्रयास लगातार हो रहे हैं .. मसलन 2014 के मध्य में पेश ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलें।’’

भारत में विदेशी प्रत्यक्ष शेयर पूंजी का प्रवाह में बढ़ोतरी ऐसे समय में हो रही है जबकि वैश्विक स्तर पर एफडीआई 2014 में 16 प्रतिशत घटकर 1,230 अरब डालर रह गया।

रपट जारी करते हुए अंकटाट की सलाहकार और नीति विश्लेषक प्रमिला नाजरथ सत्यानंद ने कहा ‘‘एक बार फिर हम :भारत: 10 शीर्ष देशों में शामिल हैं। 2008 में हम 10 शीर्ष देशों की सूची से बाहर हो गए थे. अब हम दूसरे से बेहतर चल रहे हैं। भारत इस साल सूची में उच्चतर श्रेणी में है।’’