Textiles Association Issues Ad In Newspaper: ऑटो सेक्टर में मंदी और बिक्री में कमी के बाद अब टेक्सटाइल सेक्टर में भी मंदी का असर दिख रहा है। आर्थिक मंदी के चलते इस सेक्टर में भी हाहाकार मच गया है। अखबारों में विज्ञापन देकर टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन ने अपनी आप बीती बताई है। इंडियन एक्प्रेस अखबार में छपे विज्ञापन में नॉर्दन इंडिया टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन द्वारा बताया गया है कि टेक्सटाइल सेक्टर में भी मंदी के संकेत हैं और यहां भी नौकरियों पर संकट मंडरा रहे हैं।
दिए गए विज्ञापन में साल 2018 और 2019 की तुलना कर बताया गया है कि इस अवधि के अप्रैल से जून तक के महीने में सूती धागे के निर्यात में कमी आई है। साल 2018 के अप्रैल महीने में सूती धागे का निर्यात 337 यूएस मिलियन डॉलर का था जबकि 2019 में 266 यूएस मिलियन का ही रहा। मई 2018 में सूती धागे का निर्यात 349 यूएम मिलियन डॉलर का था।
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वहीं,2019 के इसी अवधि में यह 241 यूएस मिलियन डॉलर का ही रहा है। जून 2019 में हालात और खराब नजर आ रहे हैं। इस अवधि में 188 यूएस मिलियन डॉलर का ही सूती धागा ही निर्यात किया गया। जबकि साल 2018 में सूती धागे का निर्यात 378 यूएस मिलियन का रहा था।इश्तेहार में आंकड़ों के ऊपर लिखा गया है कि बुनकर उद्योग बड़े संकट से गुजर रहा है। कुछ ऐसा ही संकट साल 2010-11 में देखने को मिला था।
गौरतलब है कि इससे पहले ऑटो सेक्टर में मंदी की खबरें सामने आई थी। बताया गया था कि कारों की बिक्री में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इसके चलते ऑटो सेक्टर में 15,000 लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं और 10 लाख से ज्यादा नौकरियों पर संकट मंडरा रहा है।