उचित व्यापार नियामक सीसीआई ने कोल इंडिया से कहा है कि वह अपनी हाजिर सौदे वाली ई-नीलामी योजना की नये सिरे से जांच परख करे ताकि प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन नहीं हो। इस बीच नियामक ने कोल इंडिया के खिलाफ अनुचित व्यापारिक गतिविधियों में लिप्त होने संबंधी शिकायत को खारिज कर दिया।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) इससे पहले भी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के जांच दायरे में आ चुका है। दिसंबर 2013 में नियामक ने कंपनी पर 1,773 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था जिसे उसने चुनौती दी है।
ताजा मामला डीबी पॉवर की शिकायत से जुड़ा है। डीबी पॉवर ने कहा है कि कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी नार्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कोयल की हाजिर ई-नीलामी में क्षेत्र में अपनी एकाधिकार की स्थिति का दुरुपयोग कर रहीं हैं।
सीसीआई हाजिर ई-नीलामी योजना के तहत बोली लगाने वालों को नॉन-कोकिंग कोल की बिक्री को मौजूदा मामले में प्रासंगिक बाजार मानता है।

