कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) खाताधारकों को पेंशन फंड बढ़ाने वाला प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इसमें पेंशन लेने से जुड़ी सुपरएनुएशन एज 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 की हो जाएगी। इसके लिए सब्सक्राइबर को इस बदलाव का विकल्प चुनने का मौका दिया जाएगा। इस तरह का विकल्प मिलने से बेनेफिशरी को पेंशन फंड बढ़ाने का भी मौका मिलेगा। इसके अलावा EPFO अतिरिक्त बोनस भी दे सकता है।

‘इकोनॉमिक्स टाइम्स’ में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि EPFO ने EPF&MP एक्ट 1952 के बदलाव वाले प्रस्ताव में कहा गया है, “सुपरएनुएशन एज 58 वर्ष है। इसे 60 वर्ष करने की आवश्यक्ता है। दुनिया में अधिकांश पेंशन फंड 65 साल के बाद पेंशन दे रहे हैं।” ET ने इससे जुड़ी एक प्रति के अवलोकन का दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रस्ताव ट्रस्टियों के सेंट्रल बोर्ड की नवंबर में होने वाली बैठक में पेश किया जाएगा। एक अधिकारी के हवाले से अखबार ने बताया है, “बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट की स्वीकृति के लिए श्रम मंत्रालय को भेजा जाएगा।”

EPFO के मुताबिक उम्र सीमा बढ़ाने से पेंशन फंड में डेफिसिट 30,000 करोड़ रुपये तक कम हो जाएगा। वहीं, सदस्यों के लिए पेंशन का लाभ भी बढ़ जाएगा, क्योंकि इस दौरान सर्विस के दो अतिरिक्त साल मिलेंगे। गौरतलब है कि कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के मुताबिक, नियोक्ता का अंशदान कर्मचारी की सैलरी के 8.33 फीसदी तक होता है। इसमें पेंशन वाली सैलरी की लिमिट 15,000 रुपये है। पेंशन का लाभ लेने वाला 58 साल की उम्र में EPS पेंशन का हकदार होता है। जिनका सेवाकाल 10 साल से कम है और वे दो माह से अधिक वक्त से बेरोजगार हैं, वे EPS की रकम निकाल सकते हैं।

गौरतलब है कि इस प्रस्ताव को पहली बार 1015 में आगे बढ़ाया गया था। लेकिन, उस दौरान सरकार ने इसे स्वीकृति नहीं दी थी।