सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के प्रबंध निदेशक व सीईओ पी एस जयंतकुमार ने सोमवार (22 अगस्त) को कहा कि (अर्थव्यवस्था में) सुधार का बड़ा दायित्व सरकार का है न कि रिजर्व बैंक का। उन्होंने कहा कि सरकार को वेंडरों को सेवाओं के लिए समय पर भुगतान करना होगा, परियोजनाओं का निष्पादन सुनिश्चित करना होगा तथा प्रवर्तन प्रकिया को उन्नत करते हुए कानूनी प्रणाली में सुधार लाना होगा। वे यहां इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के सालाना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,‘ मेरी राय में सुधार का बहुत बड़ा दायित्व सरकार पर भी है, भारतीय रिवर्ज बैंक के गवर्नर समस्याओं का समाधान करेंगे यह अपेक्षा (सही नहीं) है.. वास्तविक मुद्दा कहीं ओर है।’

जयकुमार ने शिकायत की कि देश में सबसे बड़ी वादी तो सरकार है और ज्यादातर मामले बढ़ते रहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को रिण वसूली न्यायाधिकरणों जैसे आस्ति समाधान मंचों के उन्नयन पर ध्यान देने की जरूरत है और उसे दिवाला कानून को यथाीशीघ्र कार्यान्वयन पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रणाली के लिए परियोजनाओं में देरी सबसे अधिक दर्द वाले बिंदु हैं। भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरूंधति भट्टाचार्य भी जयकुमार के विचारों का समर्थन करती दिखीं। उन्होंने कहा कि अनेक व्यापक आर्थिक चुनौतियों को निपटा लिया गया है और अब हमें आस्ति समाधान पर ध्यान देने की जरूरत है। उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक का नया गवर्नर बनाए जाने पर प्रतिक्रिया चाहे जाने पर उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।