Economic Survey 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार (31 जनवरी, 2020) को संसद में आर्थिक सर्वे पेश करेंगी। बीते एक साल में देश की अर्थव्यवस्था का लेखा-जोखा बताने वाले आर्थिक सर्वे से देश की आर्थिक तस्वीर साफ हो सकेगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यन की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में मौजूदा वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था का पूरी रिपोर्ट कार्ड पेश किया जाएगा। संसद में इस रिपोर्ट को पेश किए जाने के बाद सदन के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जा सकती है।
बजट के बाद अर्थव्यवस्था का मामले में इकनॉमिक सर्वे को दूसरा सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज माना जाता है। आर्थिक सर्वे में सरकार मौजूदा साल की स्थिति का डेटा पेश करती है, जबकि बजट आगामी साल का खाका पेश किया जाता है। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ के 4.5 फीसदी रह जाने के चलते आर्थिक सर्वे का महत्व और भी बढ़ जाता है। देश में पहली बार आर्थिक सर्वे 1950-51 में जारी किया गया था।
5 फीसदी से कम विकास दर का अनुमान: बता दें कि आमतौर पर हर साल आर्थिक सर्वे की एक अलग थीम रखी जाती है। इस साल सरकार ने आर्थिक सर्वे की थीम ‘वेल्थ क्रिएशन’ रखी है। सरकार ने इस वित्त वर्ष में विकास की दर 5 फीसदी रहने का अनुमान रखा है जो पिछले 11 सालों का न्यूनतम स्तर है। यही नहीं निवेश की ग्रोथ भी 17 सालों के निचले स्तर पर पहुंचते हुए महज 1 फीसदी पर अटकी हुई है।
कल पेश होगा बजट 2020: बीते एक दशक में सबसे कठिन माने जा रहे बजट 2020 को लेकर निर्मला सीतारमण के सामने कई चुनौतियां होंगी। एक तरफ उन्हें ग्रोथ पर फोकस करना है तो दूसरी तरफ महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों का भी हल निकालना है।

