प्राची गुप्ता।।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में जारी आर्थिक मंदी को देखते हुए कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करते हुए उद्योग जगत को राहत देने की कोशिश की है। लेकिन, खबर है कि कुछ कंजूमर गुड्स बनाने वाली कंपनियां मोदी सरकार के टैक्स राहत को लेने से इनकार कर सकती हैं। डाबर, मैरिको और गोदरेज 30% की मौजूदा दर को ही जारी रखने वाली हैं। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपने रिसर्च नोट में कहा है, “डाबर, मैरिको और गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड 30% के मार्जिनल टैक्स रेट पर कायम रह सकती हैं। वैसे भी इन कंपनियों का प्रभावी टैक्स रेट 25.6% से कम है।”
हालांकि, इसका कतई मतलब नहीं है कि इन कंपनियों के पास नए मार्जिनल टैक्स के दायरे में स्थानांतरित होने का विकल्प नहीं होगा। रिपोर्ट के मुताबिक जब टैक्स छूट की मियाद खत्म होने वाली होगी, उस हालात में इन कंपनियों के पास बदलाव एक बेहतर चॉइस होगी। इस बीच, इनमें से कुछ एफएमसीजी और कंज्यूमर पैकेज्ड गुड्स कंपनियां टैक्स में कटौती का फायदा उठा सकती हैं और इसका लाभ ग्राहकों को नहीं देंगी। कोटक की रिपोर्ट में कहा गया है, “हालांकि, अधिकांश लाभ कंपनियों द्वारा कायम रखा जाएगा। कीमतों में कुछ कमी की जा सकती है और उम्मीद है कि इस तरह के कदमों से लाभ के कम होने की संभावना नहीं रहेगी।”
प्रमुख एफएमसीजी और कंज्यूमर गुड्स कंपनियां एनबीएफसी संकट, कृषि संकट और बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों के कारण मांग में कमी का सामना कर रही हैं। कोटक की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों को मौजूदा दर में बदलाव नहीं करेंगी। क्योंकि, वे पैसे का इस्तेमाल कंपनी के विकास को बढ़ावा देने में इस्तेमाल करेंगी। भोजन, पेय पदार्थ, कपड़े, श्रृंगार या तंबाकू जैसे दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की संभावना नहीं है, हालांकि कीमत में कटौती की मांग बढ़ सकती है। भाजपा सरकार ने हाल ही में कॉर्पोरेट टैक्स में संशोधन किया है और इसे क्रमशः 22% और 25.6% मार्जिनल और कंपनियों पर इफेक्टिव टैक्स रेट 30% और 35% तय किया है।