नकदीरहित अर्थव्यवस्था बनाने की केंद्र सरकार की मुहिम के बीच साइबर अपराध पर नियंत्रण पुलिस के लिए चुनौती साबित हो रहा है। 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने के एलान के बाद कागजी मुद्रा के बजाए प्लास्टिक मनी या डिजिटल भुगतान की बढ़ी मांग का नकारात्मक पक्ष अब सामने आने लगा है। खासतौर पर ई-वॉलेट से भुगतान करने वाली महिलाओं के मोबाइल पर अब अश्लील फोन आने की शिकायतें मिलने लगी हैं। सेक्टर-12 में रहने वाली और एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने एक वाली महिला ने भुगतान के बाद अश्लील फोन आने की शिकायत पुलिस से की है।
सूत्रों के मुताबिक, रिकॉर्ड में भले ही यह पहला मामला सामने आया हो, लेकिन ई-वॉलेट से भुगतान करने वाली काफी महिलाएं ऐसी दिक्कत झेल रही हैं। कई मामलों में तो अश्लील फोन करने वालों से पिंड छुड़ाने के लिए महिलाओं ने नंबर तक बंद करा दिया है। साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि ई-वॉलेट से भुगतान करने पर ऐसी परेशानी सामने आएगी। इसलिए अन्य वैकल्पिक भुगतान माध्यमों का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर है। इसी तरह से नकद रहित भुगतान व्यवस्था की एक अग्रणी कंपनी को भी साइबर अपराधियों ने चूना लगाया है। ऐसी घटनाओं को देखते हुए एसपी सिटी कार्यालय से सभी थानों को इलाकेवार साइबर अपराध के मामलों की सूची तैयार करने को कहा गया है। साथ ही साइबर टीम और विशेषज्ञों की मदद से बैंकिंग और ई-भुगतान संबंधी अपराध से बचने की जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया गया है।साइबर विशेषज्ञों के मुताबिक, कंप्यूटर के एक बटन का इस्तेमाल कर हैकर किसी भी खाते की रकम को शून्य बना सकते हैं। हैकर और साइबर अपराधी नेटबैंकिंग और ई-भुगतान करने वालों के खातों पर लगातार नजर रखकर चूना लगाने की कोशिश करते रहते हैं।
माना जा रहा है कि आने वाले दशक में साइबर अपराध और बैंकिंग से जुड़े अपराधों की संख्या अन्य सभी वारदातों से काफी ज्यादा रहेगी। इसकी एक वजह यह भी है कि साइबर अपराध रोकने में दक्ष जानकारों और विशेषज्ञों की देश में काफी कमी है। हाल-फिलहाल में ई-कॉमर्स वेबसाइट्स से शॉपिंग करने पर फर्जीवाड़े की शिकायतें पुलिस को मिलनी शुरू हो गई हैं। आंकड़ों के मुताबिक, साइबर अपराधों की संख्या में पिछले एक महीने में काफी तेजी आई है। हालांकि पहले भी बैंक अधिकारी बनकर फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें आम थीं, लेकिन नोटबंदी के बाद ऐसे मामलों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक, नकदरहित भुगतान के माध्यम भले ही सहूलियत दिलाएं, लेकिन खातों को साइबर अपराधियों से बचाना भी एक बड़ी कला है।