दुनिया में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने का असर अब भारत पर दिखाई देने लगा है। रूस यूक्रेन युद्ध के कारण एक तरफ देश में तेजी से जिंसों (Commodities) की कीमत में वृद्धि हुई है। वहीं पट्रोल- डीजल की कीमत बढ़ना भी तय माना जा रहा है। बदलते वैश्विक हालात के बाच दिग्गज इन्वेस्टमेंट बैंकर मॉर्गन स्टेनली ने भारत की विकास दर के अनुमान को 50 आधार अंक घटाकर 7.9 फीसदी कर दिया है। इसके साथ ही वित्त वर्ष 2022 -23 के लिए महंगाई का अनुमान बढ़ाकर 6 फीसदी कर दिया है।

चालू खाता घाटा 10 साल की ऊंचाइयों पर रह सकता है: मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भू राजनीतिक तनाव के कारण कच्चे तेल के दाम बढे हुए रह सकते हैं और महंगे आयात बिल के कारण भारत का चालू खाता घाटा इस दौरान बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि यदि कच्चे तेल के दाम में 10 फीसदी की वृद्धि होती है तो भारत के जीडीपी के मुकाबले चालू खाता घाटा 30 से 35 आधार अंक की वृद्धि होगी। इस कारण अनुमान है कि वित्त वर्ष 23 में भारत का चालू खाता घाटा 10 सालों की पहुंच सकता है।

मॉर्गन स्टेनली ने अनुमान जताया है कि अप्रैल में भारतीय रिज़र्व बैंक अपनी मॉनेटरी पॉलिसी के रुख अकोमोडेटिव से हटाकर सामान्य कर सकता है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट में भी बड़ी वृद्धि होने का खतरा बढ़ गया है।

रिपोर्ट में आगे कहा है कि “हम उच्च घाटे और ऋण स्तरों को देखते हुए विकास का समर्थन करने के लिए राजकोषीय नीति प्रोत्साहन के लिए कम जगह दिखाई देती है और इसके साथ एक मामूली ईंधन कर कटौती की संभावना लगती है।”

सिटी बैंक ने भी घटाया अनुमान: बढ़ते कच्चे तेल की कीमत के कारण सिटी बैंक ने भारत की ग्रोथ का अनुमान वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अनुमान 8 फीसदी से घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया है। बैंक ने आगे कहा है कि यदि कच्चे तेल की कीमतें उच्चतम स्तर पर बनी रहती है तो वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि दर 7 फीसदी तक आ सकती है। दूसरी तरफ इस दौरान महंगाई का अनुमान में 70 आधार अंक या 0.70 फीसदी की वृद्धि है।