मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सोमवार (5 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के सभी खंड निष्प्रभावी करने का संकल्प राज्यसभा में पेश किया। कॉरपोरेट जगत ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटने से वहां निवेश का रास्ता खुलेगा। वहीं, भारतीय कंपनियां जम्मू-कश्मीर के आर्थिक विकास में सहयोग देने के लिए तैयार हैं।
J&K में बढ़ेंगे नौकरियों के अवसर: माना जा रहा है कि कंपनियों के निवेश करने से जम्मू-कश्मीर का आर्थिक विकास बढ़ेगा। साथ ही, स्थानीय लोगों को नौकरियों के अवसर भी बड़ी तादाद में मिलेंगे।
National Hindi News, 06 August 2019 LIVE Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
कंपनियों की यह है प्लानिंग: एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम के अध्यक्ष बीके गोयनका ने बताया कि यह ऐतिहासिक कदम है। भारतीय कंपनियां अब मुस्तैदी के साथ जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए तैयार हैं। एक तरह से वहां इकोनॉमी की रिस्ट्रक्चरिंग करनी होगी, क्योंकि जम्मू-कश्मीर को देश के मुख्य आर्थिक विकास के साथ जोड़ना है।
इन सेक्टरों में निवेश को प्राथमिकता: गोयनका ने बताया कि इस वक्त जम्मू-कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को मजबूत बनाने की जरूरत है। यह बात सभी जानते हैं कि वहां औद्योगिक गतिविधियों की हालत काफी ज्यादा खराब है। ऐसे में सबसे पहले इसी सेक्टर पर फोकस किया जाएगा।
Bihar News Today, 06 August 2019 Live Updates:बिहार से जुड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
रियल एस्टेट भी नहीं पीछे: रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नेरेडको के नेशनल चेयरमैन डॉ. निंरजन हीरानंदानी का कहना है कि रियल एस्टेट कंपनियों को जम्मू-कश्मीर में इस सेक्टर में निवेश की काफी संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। वहां रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर में रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश की रणनीति बनाकर निवेश को बढ़ाया जाएगा।
