प्रियरंजन
सूचना चोरी का दायरा बढ़ता जा रहा है। दिल्ली पुलिस के प्रमुख और अपराध शाखा के कई अधिकारी पिछले 24 घंटों से विशेष मिशन पर हैं। पुलिस ने कारपोरेट जासूसी के एक दूसरे माड्यूल में शामिल एक व्यक्ति को सोमवार को गिरफ्तार कर कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। इन पर कोयला और ऊर्जा मंत्रालय से गोपनीय दस्तावेज चुराने का शक है। पुलिस ने सोमवार को एक नई प्राथमिकी दर्ज की। पुलिस इस माड्यूल के दर्जनभर लोगों को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। अपराध शाखा ने केवल शास्त्री भवन से ही छह लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है। पुलिस राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में छापेमारी कर रही है। दर्जनों लोगों पर पुलिस की नजर है। पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मंत्रालयों से गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के आरोप में पुलिस ने सोमवार दोपहर तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। सोमवार देर शाम एक और गिरफ्तारी की पुष्टि की गई। सूत्रों का कहना है कि एक दर्जन से ज्यादा लोगों को अपराध शाखा ने पूछताछ के लिए उठाया है। पुलिस सूचना चोरी का दायरा पेट्रोलियम मंत्रालय से बढ़ाकर कोयला, बिजली और ऊर्जा मंत्रालयों तक ले जा सकती है। पुलिस मंगलवार को कारपोरेट जासूसी के दूसरे मॉड्यूल का पर्दाफाश कर सकती है। पुलिस ने सोमवार को कोयला और ऊर्जा मंत्रालय से गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने में कथित रूप से शामिल एक मॉड्यूल का भंडाफोड़ का दावा किया। पुलिस ने इस माड्यूल के एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर छह अन्य को हिरासत में लिया है। पुलिस ने इस मामले में जबरन घुसने, चोरी, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यह मॉड्यूल पेट्रोलियम मंत्रालय की जासूसी में शामिल गिरोह से अलग है।
नए मॉड्यूल के गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान लोकेश के रूप में हुई है। वह नोएडा की एक कंसल्टेंसी कंपनी के लिए काम कर रहा था। दिल्ली पुलिस के आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा कि जांच में पता चला कि लोकेश कोयला मंत्रालय के साथ ही ऊर्जा मंत्रालय से भी दस्तावेज हासिल करने में कथित रूप से शामिल था। उन्होंने कहा कि पुलिस मामला दर्ज कर लोकेश के साथियों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने एक और प्राथमिकी दर्ज की है। मॉड्यूल के काम करने के तरीके और इससे लाभ लेने वालों के सवाल पर बस्सी ने कहा कि लोकेश के सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस कोई ब्योरा दे पाएगी। अलग से प्राथमिकी दर्ज करने के सवाल पर बस्सी ने कहा कि यह दूसरा मॉड्यूल है। इसका संबंध उस विशेष मामले से नहीं है। हालांकि यह भी उसी तरह का मामला है। इसलिए अलग से प्राथमिकी दर्ज की गई है।
कॉरपोरेट जासूसी के मामले का भंडाफोड़ करते हुए दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को पेट्रोलियम मंत्रालय के दो कनिष्ठ अधिकारियों और तीन बिचौलियों को गिरफ्तार किया था। ये लोग गोपनीय सरकारी दस्तावेजों को कथित रूप से चुराकर पेट्रोलियम कंपनियों को देते थे। पुलिस ने शुक्रवार को दो ऊर्जा सलाहकार शांतनु सैकिया और प्रयास जैन के अलावा कारपोरेट जगत के पांच बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इनमें मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआइएल) में कॉरपोरेट मामलों के प्रबंधक शैलेष सक्सेना, एस्सार के उप महाप्रबंधक विनय कुमार, केयर्न के महाप्रबंधक केके नाईक, जूबिलैंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा और एडीएजी रिलायंस के उपमहाप्रबंधक ऋषि आनंद शामिल हैं।
इस बीच सोमवार को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धीरज मित्तल ने कॉरपोरेट जासूसी मामले में गिरफ्तार लालता प्रसाद, राकेश कुमार, प्रयास जैन और शांतनु सैकिया को सोमवार को छह मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इन आरोपियों ने अदालत में आरोप लगाया कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान उन्हें सादे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने अदालत से अनुरोध किया कि आरोपियों को 11 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जाए क्योंकि उनसे और पूछताछ की जरूरत नहीं है। इन चारों आरोपियों के वकील ने मजिस्ट्रेट से कहा कि उनके मुवक्किलों को हिरासत में पूछताछ के दौरान पांच-छह सादे कागजों पर हस्ताक्षर के लिए मजबूर किया गया। इस पर मजिस्ट्रेट ने चारों आरोपियों से व्यक्तिगत रूप से पूछा कि उनसे कागजों पर हस्ताक्षर करवाए गए हैं या नहीं। इस पर आरोपियों ने हां में उत्तर दिया।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि अदालत को इस मामले की केस डायरी पर हस्ताक्षर करने चाहिए। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए जांच अधिकारी को केस डायरी पर उससे हस्ताक्षर कराने का निर्देश दिया। अदालत ने बचाव पक्ष के वकील का अपने मुवक्किलों से दस दस मिनट मिलने का अनुरोध भी स्वीकार कर लिया। इस मामले के तीन अन्य आरोपियों ईश्वर सिंह, आसाराम और राजकुमार चौबे को 20 फरवरी को दो हफ्ते के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में कहा था कि आरोपी राकेश कुमार के पास से वित्त मंत्री के 2015-16 के बजट भाषण पर इनपुट से जुड़े दस्तावेज सहित कई संवेदनशील दस्तावेजों की फोटोकापी के अलावा इन लोगों के पास से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र का एक पत्र भी बरामद किया गया है। पुलिस ने इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 457, 380, 471, 120-बी और 34 के तहत आरोपी बनाया गया है। कई दूसरे दस्तावेजों की प्रतियों में ‘श्रीलंका में आगे के अवसरों पर जानकारी’ नाम के शीर्षक वाले दस्तावेज भी शामिल हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से मासिक गैस रिपोर्ट-दिसंबर, 2014 पर पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ के दस्तावेजों की फोटोकॉपी बरामद की है। इन पर 16 फरवरी, 2015 की तारीख है और प्रकोष्ठ महानिदेशक अत्रेयी दास का हस्ताक्षर है। पुलिस ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय के उत्खनन प्रकोष्ठ के दस्तावेजों की फोटोकॉपी भी आरोपियों के पास से मिली है जिन पर उप सचिव नलिन कुमार श्रीवास्तव के हस्ताक्षर हैं। आरोपियों के पास से जो दूसरे दस्तावेज मिले उनमें मुख्यधारा के क्षेत्र और दूसरे क्षेत्रों के प्रदर्शन पर ‘बैकग्राउंड नोट’ की फोटोकॉपी शामिल है।