Coronavirus impact on india: कोरोना वायरस के संकट के चलते तमाम संस्थान बंद हैं या फिर कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। करीब 10 दिनों बाद ही कर्मचारियों के लिए सैलरी की तारीख आने वाली है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर लॉकडाउन के इस दौर में आपकी सैलरी का क्या होगा। आइए जानते हैं बैंकों ने समय पर आपकी सैलरी क्रेडिट करने के लिए क्या तैयारी की है…
बैंकों ने तैयार किया इमरजेंसी प्लान: दरअसल बैंकों ने इस संकट से निपटने के लिए इमरजेंसी प्लान तैयार किया है। इसके तहत डिजिटल बैंकिंग के लिए आईटी यूनिट्स को हर समय तैनात रहने को कहा गया है। इसके अलावा ट्रेजरी सर्विसेज और चेक क्लियरिंग का काम प्रभावित न हो, इसके लिए भी खास व्यवस्था की गई है। हालांकि बैंकों का मुख्य स्टाफ ब्रांचों पर मौजूद रहेगा क्योंकि महीने का यह दूसरा पखवाड़ा सैलरी क्लियरेंस और ट्रांसफर के लिए बेहद अहम होता है।
कोई कर्मचारी पीड़ित हुआ तो बंद होगी ब्रांच: अपनी तैयारियों को लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा के एचआर जयदीप दत्ता रॉय ने कहा, ‘हमने अपनी शाखाओं के लिए इमरजेंसी प्लान तैयार किया है। यदि किसी भी ब्रांच में किसी एंप्लॉयी को कोरोना से पीड़ित पाया जाता है तो उस शाखा को बंद कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में उस ब्रांच का काम दूसरी शाखा को करना होगा। इसके लिए ब्रांचों के क्लस्टर तैयार किए हैं।’ यही नहीं बैंकों ने भी सोशल डिस्टैंसिंग की नीति को कुछ हद अपनाते हुए ब्रांचों में कम से कम कर्मचारियों की मौजूदगी का आदेश दिया है।
बैंक कर्मचारियों पर लागू नहीं वर्क फ्रॉम होम: इंडियन बैंक एसोसिएशन के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने की बात कही है। लेकिन यह फैसला बैंकों पर लागू नहीं हो सकता है क्योंकि यह सेक्टर जरूरी सेवाओं के तहत आता है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर टैक्स का कलेक्शन भी सरकारी बैंकों के जरिए ही किया जाता है। इसके अलावा उन 10 सरकारी बैंकों के लिए भी वर्क फ्रॉम होम जैसा विकल्प सही नहीं है, जिनका 31 मार्च तक विलय होना है। इन बैंकों के कर्मचारियों पर काम का काफी दबाव है क्योंकि 1 अप्रैल से इनका विलय हो जाएगा।
