मिठाई खाने से कोरोना संक्रमण ठीक हो जाने का दावा करना एक दुकानदार को भारी पड़ गया है और सरकार ने उसका लाइसेंस ही कैंसल कर दिया है। दरअसल तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के चिन्नियामपलायम इलाके के एक दुकानदार ने दावा किया था कि उसके यहां बनी मैसूरपा मिठाई को खाने से कोरोना ठीक हो सकता है। इसके बाद फूड सेफ्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने दुकानदार श्रीराम पर सेक्शन 53 के तहत भ्रामक विज्ञापन दर्ज करने को लेकर केस दर्ज किया है। एफएसएसएआई के अधिकारी के. तमिल सेल्वन ने कहा कि उन्होंने दुकानदार के खिलाफ जांच बिठाई है क्योंकि उसने भ्रामक जानकारी दी थी और गलत विज्ञापन दिया था।

सेल्वन ने कहा कि दुकानदार मिठाई से कोरोना के ठीक होने का दावा कर रहा था, लेकिन जब पूछा गया कि इसमें उसने कौन से तत्व शामिल किए हैं। एफएसएसएआई ने दुकान का लाइसेंस कैंसल कर दिया है और दुकान से 120 किलो मैसूरपा मिठाई जब्त की है। माना जा रहा है कि इस मिठाई की कीमत एक लाख रुपये के करीब है।

यही नहीं अधिकारियों ने इस मिठाई के कुछ सैंपल्स को लैब टेस्टिंग के लिए भी भेजा है। दुकानदार ने अपने ऐ़ड में कहा था कि यदि इस मिठाई को मुंह बंद करके 13 बार खाया जाए तो कोरोना से राहत मिल सकती है। इसके अलावा बच्चों के लिए इसकी आधी डोज का सुझाव दिया गया था।

दुकानदार श्रीराम का दावा था कि इस मिठाई में जो हर्बल प्रोडक्ट पड़े हैं, वे चबाने पर मीठे लगने लगते हैं और उनके सेवन से इम्युनिटी बेहतर होती है। श्रीराम ने दावा किया था कि यदि तीन दिनों तक हर दिन मैसूरपा मिठाई के 4 पीस खाए जाएं तो कोरोना से मुक्ति मिल सकती है। भ्रामक विज्ञापन के साथ दुकानदार 50 ग्राम मैसूरपा मिठाई 50 रुपये की बेच रहा था। ऐड में कहा गया था कि इस मिठाई को ऐसे लोग भी खा सकते हैं, जिन्हें कोरोना का संक्रमण नहीं है। इससे इम्युनिटी बेहतर होगी और कोरोना के संक्रमण से बचाव होगा।