Compounding New Formula : अगर आपको कंपाउंडिंग का सही से असर देखना हो तो इसके 8-4-3 फॉर्मूला के बारे में समझ लें. यह निवेश की एक ऐसी स्ट्रैटेजी है, जिसमें आप 24 साल में 5 करोड़ रुपये के मालिक बन सकते हैं. वहीं निवेश शुरू करने के 15 साल बाद से आपकी दौलत में हर साल 50 लाख रुपये का इजाफा होने लगेगा. कंपाउंडिंग (power of compounding) वह प्रॉसेस है, जिसमें आप पहले से जमा ब्याज पर और ब्याज कमाते हैं. कंपाउंडिंग का ज्यादा से ज्यादा फायदा लेना है तो इसके लिए आपको अपना निवेश लंबे समय तक बनाए रखना होगा. धैर्य बनाए रखना है.
क्या है Compounding 8-4-3 रूल
मान लिया आपने हर महीने 30,000 रुपये एसआईपी करने का प्लान बनाया है. वहीं आप अपने निवेश पर अनुमानित रिटर्न 12 फीसदी सालाना मानते हैं. यहां 8-4-3 रूल से अगर कैलकुलेशन करें तो पहले 8 साल में आपकी दौलत बढ़कर 50 लाख रुपये हो जाएगी. वहीं निवेश जारी रखने पर अगले 4 साल में आपकी दौलत 50 लाख से बढ़कर 1 करोड़ रुपये पहुंच जाएगी. इसके बाद आपके एसआईपी की वैल्यू 1 करोड़ से 1.5 करोड़ होने में 3 साल लगेंगे.
16वें साल से दिखेगा असली जादू
पहले हम 15 साल तक के निवेश की बात कर चुके हैं, जिस दौरान आपकी दौलत बढ़कर 1.50 करोड़ रुपये हो जाएगी. अब 15 साल बाद भी अगर निपवेश बनाए रखते हें तो आपको 16वें साल से असली जादू दिखेगा. अब उसी स्कीम में आपका पहले की तरह निवेश जारी रहा तो 1.50 करोड़ से 2 करोड़ दौलत पहुंचने में यानी अगला 50 लाख हासिल करने में सिर्फ 2 साल लगेंगे.
वहीं 2 करोड़ से 50 लाख बढ़कर 2.50 करोड़ होने में 1 साल 8 महीने लगेंगे. फिर 2.50 करोड़ से 3 करोड़ होने में 1 साल 4 महीने, फिर 3 करोड़ से 3.50 करोड़ होने में 1 साल 3 महीने लगेंगे. इसके बाद 3.50 करोड़ से 4 करोड़ होने में सिर्फ 1 साल लगेगा. इसके बाद से हर साल आपकी दौलत 50 लाख रुपये बढ़ती जाएगी.
24 साल में 5 करोड़ का फंड
अगर आप इस नियम से अपना निवेश 24 साल बनाए रखते हैं तो आपको 5 करोड़ का फंड तैयार मिलेगा. जिसमें आपका हर महीने 30 हजार रुपये ऐसी स्कीम में निवेश करना होगा, जहां एनुअलाइज्ड रिटर्न 12 फीसदी हो. कैलकुलेशन से साफ है कि कंपाउंडिंग का फायदा लंबी अवधि के निवेश से ही मिलता है.
कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपके द्वारा जमा की गई मूल रकम पर जो ब्याज मिलता है, उस पर भी रिटर्न जोड़ा जाता है. जैसे अगर आपने 50 हजार रुपये निवेश किया है और एक साल बाद उस पर मिलने वाला ब्याज 5 हजार है. तो मूल राशि में ब्याज जोड़ दें तो यह राशि 55,000 रुपये हो जाती है. आगे भी ऐसा होता जाएगा.