बिजली संयंत्रों को र्इंधन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कोयला आपूर्ति से जुड़ी प्रस्तावित नीति को एक पखवाड़े में अंतिम स्वरूप दिया जा सकता है। यह बात मंगलवार को सरकार ने कही। बिजली सचिव पीके पुजारी ने इंडिया एनर्जी फोरम द्वारा आयोजित समारोह के मौके पर संवाददाताओं से कहा- कोयला आपूर्ति नीति को 15 दिन के अंदर अंतिम स्वरूप प्रदान किया जा सकता है।

सचिव ने यह भी कहा कि संशोधित बिजली शुल्क नीति पर अगले 15 दिन में मंत्रिमंडल की मंजूरी लेने की कोशिश की जा रही है। बिजली व कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने सितंबर में कहा कि बिजली मंत्रालय नई शुल्क नीति तय करने का काम अंतिम चरण में है जिसे जल्दी ही मंत्रिमंडल के सामने मंजूरी के लिए रखा जाएगा। गोयल ने कहा था- हम बिजली शुल्क नीति की रूपरेखा को अंतिम रूप प्रदान कर रहे हैं। हम जल्दी ही शुल्क नीति को मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास लेकर जाएंगे।

पुजारी ने कहा कि सरकार अगले महीने और मार्च 2016 तक और दो महीने में दो घरेलू कोयला आधारित अतिवृहत बिजली परियोजनाओं के लिए बोली का आह्वान करेंगे। पुजारी ने कहा- लेकिन हम चालू वित्त वर्ष खत्म होने से पहले चार यूएमपीपी के लिए बोली आमंत्रित करना चाहते हैं। ये यूएमपीपी ओड़िशा के बेढ़बहल और झारखंड के देवघर में बन सकते हैं।