सीबीआइ की विशेष अदालत ने मंगलवार को कहा कि वह कोयला खदान आबंटन घोटाले के एक मामले में बंद करने के लिए दायर जांच एजंसी की रिपोर्ट पर 20 जनवरी को विचार करेगी। इस मामले में एजंसी ने प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

सीबीआइ की ओर से अदालत में इस मामले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा किये जाने के बाद विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने मामले पर विचार के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है।

वरिष्ठ सरकारी अभियोजक वीके शर्र्मा ने कहा कि हमने मामला बंद करने के लिए एक पूर्ण रिपोर्ट दायर की है। हम अदालत में सभी महत्त्वपूर्ण दस्तावेज जमा कर रहे हैं।’

सीबीआइ ने इससे पहले छत्तीसगढ़ के फतेहपुर कोयला खदान के आबंटन में कथित गड़बड़ियों के सिलसिले में प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड (पीआइएल) और कर्ई अन्य के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी। अदालत इसी मामले की सुनवाई कर रही है। सीबीआइ के अनुसार 35वीं छानबीन समिति ने पीआइएल और एक अन्य कंपनी को संयुक्त रू प से फतेहपुर कोयला खदान आबंटित किया था।

मामले में पीआइएल की ओर से कोयला खदान के लिए आवेदन करते समय अपने शुद्ध परिसंपत्ति की गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए पीआइएल, उसके तीन शीर्ष अधिकारियों, कोयला मंत्रालय के कुछ अधिकारियों और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

हालांकि सीबीआइ ने मामला बंद करने की रिपोर्ट दायर करते हुए कहा है कि जांच के दौरान अभियोग चलाने लायक कोई सबूत नहीं पाया गया। मामले में आइपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।