रेलवे द्वारा कोयला ढुलाई शुल्क ढांचे को तर्कसंगत बनाने से बिजली की दरों पर मामूली असर होगा। रेलवे के इस कदम से आखिरकार घरेलू ईंधन आपूर्ति को ही बढ़ावा मिलेगा जो कि आयातित कोयले का स्थान लेगा। बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार (29 अगस्त) को यह बात कही। गोयल इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि रेलवे द्वारा कोयला ढुलाई दरों को तर्कसंगत बनाये जाने का क्या बिजली दरों पर कोई प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘नहीं .. कुछ खास नहीं। हम काफी बचत कर रहे हैं। कई और रास्ते हैं। इस मामूली लागत से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। यदि कोयले का दाम 100 रुपए भी बढ़ जाता है तब भी बिजली दरों में कुछ पैसे का ही असर पड़ेगा।’

मंत्री ने इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि रेलवे ने लंबी दूरी का भाड़ा कम किया है। ऐसे में आयातित कोयले के मुकाबले घरेलू कोयला ससता पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘इस साल हमें उम्मीद है कि हम कोयला आयात में 40,000 करोड़ रुपए तक कमी ला सकेंगे। यह हमारा मिशन है, इसलिये रेलवे माल ढुलाई दरों को तर्कसंगत बनाना काफी सकारात्मक कदम है।’ माल लदान में कमी को देखते हुए रेलवे ने पिछले सप्ताह कोयला ढुलाई दरों को तर्कसंगत बनाया है। इसमें लंबी दूरी की कोयला ढुलाई दर कम की गई हैं जबकि कम दूरी के लिए इसे बढ़ाया गया है।