आने वाले दिनों में जेट ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में कटौती हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो हवाई सफर करना सस्ता हो जाएगा।

दरअसल, नागर विमानन मंत्रालय जेट ईंधन (एटीएफ) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने की एयरलाइन उद्योग की मांग पर विचार कर रहा है। उसने यह मामला वित्त मंत्रालय के साथ भी उठाया है। नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

वैश्विक विमानन एवं हवाई ढुलाई क्षेत्र पर एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खरोला ने कहा कि मंत्रालय ने देश के वायु क्षेत्र के महत्तम इस्तेमाल के लिए विशेष कदम उठाए हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस के साथ घरेलू विमानन कंपनियों की लागत में भी कटौती होगी। आपको बता दें कि भारतीय एयरलाइंस के परिचालन खर्च में एटीएफ या जेट ईंधन का हिस्सा 45 से 55 प्रतिशत बैठता है। भारत में एटीएफ का दाम दुनिया में सबसे अधिक में से है। उद्योग लंबे समय से एटीएफ को जीएसटी के तहत लाने की मांग कर रहा है।

खरोला ने कहा, ‘‘हम उद्योग की इस मांग पर काम कर रहे हैं। हमने यह मुद्दा वित्त मंत्रालय के साथ भी उठाया है। इस मामले को जीएसटी परिषद के पास भेजना होगा। हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं।’’

पीएचडीसीसी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खरोला ने बताया कि देश के वायु क्षेत्र के महत्तम इस्तेमाल के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इससे यात्री और कार्गो विमान यात्रा की दूरी को महत्तम कर पाएंगे और उनकी लागत में कमी आएगी।

बता दें कि मार्च महीने में विमान ईंधन यानी एटीएफ की कीमतों में 6.5 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हुई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में तेजी आ रही है, जिससे विमान ईंधन महंगा हुआ है।

सार्वजनिक क्षेत्र की ईंधन कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार एटीएफ के दाम 3,663 रुपये प्रति किलोलीटर या 6.5 प्रतिशत बढ़ाए गए हैं। इससे राष्ट्रीय राजधानी में विमान ईधन का दाम 59,400.91 रुपये प्रति किलोलीटर की ऊंचाई पर पहुंच गया है।

फरवरी से विमान ईंधन कीमतों में यह तीसरी वृद्धि है। इससे पहले 16 फरवरी को विमान ईंधन के दाम 3.6 प्रतिशत बढ़े थे। एक फरवरी को विमान ईंधन के दाम 3,246.75 रुपये प्रति किलोलीटर बढ़ाए गए थे।