कोरोना संकट के चलते बाजार में आई मंदी की वजह से डाबर इंडिया को भी मार्च तिमाही में नेट प्रॉफिट में गिरावट का सामना करना पड़ा है। लेकिन अब च्वयनप्राश की बिक्री में तेजी से इजाफा होने से कंपनी का इम्यून सिस्टम भी कोरोना से जंग में मजबूत हुआ है। इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर चर्चित च्यवनप्राश की बिक्री में कोरोना काल में 400 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके अलावा कंपनी के शहद की बिक्री में भी 80 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसका असर डाबर इंडिया के शेयरों में भी देखने को मिला है। कंपनी के शेयरों में गुरुवार को 4.26 पर्सेंट की तेजी देखने को मिली है। इससे पहले मार्च से अब तक डाबर इंडिया के शेयरों में 18 पर्सेंट की बड़ी गिरावट देखने को मिली थी।
दरअसल कोरोना के इस दौर में इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले आइटम्स की डिमांड में तेजी से इजाफा हुआ है और कंपनी इसका फायदा उठाने के लिए रणनीति तैयार करने में जुटी है। इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने कई नए हर्बल प्रोडक्ट्स की लॉन्चिंग की है। डाबर तुलसी ड्रॉप्स, डाबर आंवला जूस, डाबर-गिलोय-नीम-तुलसी जूस और डाबर इम्यूनिटी किट आदि की सेल में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। इसके अलावा हाइजीन से जुड़े उत्पादों की ओर भी डाबर ने कदम बढ़ाए हैं। हैंड सैनिटाइजर, एयर सैनिटाइजर और डिसइन्फेक्टेंट्स जैसी चीजों को कंपनी ने लॉन्च किया है, जिनकी कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मांग तेजी से बढ़ी है।
शेयर मार्केट के जानकारों का कहना है कि इम्यूनिटी बूस्टर उत्पाद के तौर पर चर्चित च्वयनप्राश और डाबर हनी की मांग में तेजी से इजाफा देखने को मिला है। हालांकि इसके बाद भी ओवरऑल ग्रोथ के लिहाज से देखा जाए तो यह बहुत ज्यादा नहीं है। फिर भी रिसर्च ऐंड ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनेंशियल ने कंपनी के शेयरों को ‘होल्ड’ कैटिगरी में रखा है। इसका अर्थ यह हुआ कि आप डाबर इंडिया के शेयरों को बनाए रख सकते हैं।
पतंजलि ने भी बदली है कारोबारी रणनीति: गौरतलब है कि इस संकट के बीच स्वदेशी और हर्बल उत्पादों का कारोबार करने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने भी नया प्रयोग करते हुए ऑनलाइन डिलिवरी ऐप ऑर्डर मी की लॉन्चिंग की है। कंपनी के इस प्लेटफॉर्म को अच्छी प्रतिक्रिया भी मिल रही है। हर दिन ऐप पर करीब 10,000 डिलिवरी ऑर्डर मिल रहे हैं।