उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वित्तीय संकट का चीन के वैश्विक ‘सुपर पावर’ बनने और अमेरिकी डॉलर के एकाधिकार को चुनौती देते हुए यूआन को व्यवहारिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने के लक्ष्य पर जबर्दस्त प्रभाव पड़ेगा।
अमेरिका की यात्रा पर गये स्वामी ने पीटीआई से कहा कि चीनी आर्थिक संकट भारत के लिये एक अवसर है। गौरतलब है कि पूर्व कैबिनेट मंत्री इससे पहले भी 2020 तक चीनी अर्थव्यवस्था के धराशायी होने की भविष्यवाणी कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि यह पांच साल पहले हो रहा है।’’
स्वामी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि चीन में जो हो रहा है, यह संरचनात्मक विफलता है। चीन की पूरी आर्थिक प्रणाली कोई स्वदेशी प्रणाली नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अगर सही कदम उठाते हैं, तो चीन को पीछे छोड़ने को लेकर हम मजबूत स्थिति में हैं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने आर्थिक सलाहकारों को हटाने का अनुरोध करते हुए स्वामी ने कहा कि उनके लिये जरूरी है कि वे पार्टी के भीतर गहन विचार-विमर्श वाला सत्र आयोजित करे जिसमें उन्हें सही सलाह मिलेगी।