छत्तीसगढ़ में सूखा और किसानोंं की आत्महत्या के बीच राज्य सरकर ने सूखा पीड़ित किसानों को मुआवजा देने के लिए 134 करोड़ 60 लाख रुपए का आबंटन जारी कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सूखा पीड़ित किसानों की मदद के लिए मुख्यमंत्री रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने बलौदाबाजार और सरगुजा जिले को छोड़कर शेष 25 जिलों के सूखा पीड़ित किसानों को फसल क्षति का मुआवजा देने के लिए राज्य आपदा मोचन निधि से 134 करोड़ 60 लाख रुपए का आबंटन जारी कर दिया है।
किसानों को मुआवजा वितरण तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में तत्काल टोल फ्री नम्बर आधारित किसान मितान केंद्रों की भी स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य में सूखे की स्थिति को ध्यान में रखकर राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत किसानों को आर्थिक सहायता अनुदान (मुआवजा) वितरण तत्काल शुरू किया जाएगा। जहां फसल हानि 67 से 100 फीसद तक हुई है, वहां सबसे पहले प्राथमिकता के आधार पर अनुदान वितरित किया जाएगा।
इसके बाद द्वितीय क्रम में उन क्षेत्रों में सहायता राशि का वितरण किया जाएगा, जहां फसल हानि 50 से 67 फीसद के बीच हुई है। इसके बाद उन क्षेत्रों में आर्थिक सहायता का वितरण किया जाएगा जहां 33 फीसद से 50 फीसद तक फसल की हानि हुई है। इससे सर्वाधिक प्रभावित किसानों को सबसे पहले सहायता मिल सकेगी।
उन्होंने बताया कि संभागीय कमिश्नरों को निर्देश दिया गया है कि वह मुआवजा कार्यक्रमों की लगातार समीक्षा करें। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में किसान मितान केंद्रों की स्थापना के लिए विभाग द्वारा सभी संभागीय आयुक्तों और जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किया गया है। निर्देश में कहा गया है कि इन किसान मितान केंद्रों में टोल फ्री नंबर की सुविधा रहेगी और जब तक टोल फ्री नंबर प्राप्त नहीं हो जाता, तब तक जिला कार्यालय के किसी एक टेलीफोन नम्बर को चिन्हांकित कर वहां उसे किसान-मितान केंद्र में स्थापित किया जाएगा।
किसान मितान केंद्र कलेक्टरेट अथवा जिला मुख्यालय के किसी उपयुक्त स्थान पर बनाए जाएंगे। इसका निर्णय कलेक्टर लेंगे। इन किसान मितान केंद्रों में किसानों की हर प्रकार की समस्या के निराकरण के लिए उन्हें परामर्श दिया जाएगा, उनकी समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुना जाएगा।
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि किसान व्यक्तिगत रूप से आकर भी वहां अपनी समस्या बता सकेंगे। राज्य सरकार ने अधिकारियों को इन किसान मितान केंद्रों में राजस्व, कृषि, सहकारिता, ग्रामीण विकास, ऊर्जा और जल संसाधन सहित अन्य संबंधित अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किसानों से कहा कि सरकार किसानों के साथ है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वह धैर्य और हिम्मत से कम लें।
आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य के किसानों को विश्वास दिलाया है कि सूखे की प्राकृतिक विपदा की इस घड़ी में राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। सिंह ने किसानों से अपील की है कि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वे अपने निकटवर्ती कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों से अथवा अपने जिले के कलेक्टर से सीधा संपर्क करें। मुख्यमंत्री ने किसानों के नाम जारी अपील में कहा है कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ में कम बारिश के कारण किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सिंह ने अपील में कहा है कि वह स्वयं किसान परिवार से हैं और किसान के बेटे हैं। इसलिए किसानों के दर्द को दिल की गहराइयों से महसूस करते हैं।