छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी से बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है। भूपेश बघेल ने कहा नगरनार स्टील प्लांट का प्राइवेटाइजेशन दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जिस समय सरकार राज्य में माओवादी गतिविधियों को नियंत्रित कर रही है, उस समय यह कदम राज्य के आदिवासी लोगों की उम्मीदों को गहरी चोट पहुंचाएगा। बघेल ने कहा इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि प्लांट के निजीकरण के बाद माओवादी राज्य में आदिवासी असंतोष का अनुचित फायदा उठाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी गई चिट्ठी में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा निजीकरण की खबर ने आदिवासी समुदाय को उत्तेजित कर दिया है और उनके बीच में प्रशासन के विरुद्ध असंतोष की भावना है। उन्होंने आगे कहा राज्य के लोग बस्तर में बन रहे प्लांट के खुलने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। यह राज्य को देश निर्माण में योगदान देने का अवसर प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि मैंने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पड़ा है कि सरकार बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट को बेचने की तैयारी कर रही है। बघेल ने आगे यह भी कहा प्लांट के लिए 610 हेक्टेयर प्राइवेट जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। 30 साल के लिए नेशनल मिनिरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएमडीसी) को शर्तों पर सिर्फ 27 हेक्टेयर जमीन दी गई है। बाकी सारी जमीन छत्तीसगढ़ सरकार की है।
उन्होंने कहा जमीन का ट्रांसफर सिर्फ इसलिए हुआ कि एनएमडीसी इसका प्रयोग स्टील प्लांट खोलने के लिए करेगी। अपनी चिट्ठी में बघेल ने कहा राज्य सरकार आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी लोगों के हितों और अधिकारों की रक्षा करने के लिए 1996 से पंचायत एक्ट भी है। चिट्ठी में बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को दिए गए महत्व का हवाला भी दिया और कहा राज्य सरकार हमेशा इसका समर्थन करेगी।
प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी में भूपेश बघेल ने कहा उन्होंने बस्तर क्षेत्र में नए रोजगार अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए बायलाडिला में चार लोहे की खदानों की लीज को 20 वर्ष के लिए बढ़ा दिया है। इस क्षेत्र के लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होना बेहद जरूरी है।
