भारत ईरान में रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार में हवाई अड्डे के विकास के ईरान के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। यह प्रस्ताव वहां बंदरगाह और रेल व सड़क सम्पर्क से जुड़े ढांचे के विकास की एक व्यापक योजना के तहत किया गया है। चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिण तट से लगे फारस की खाड़ी के मुहाने पर है और भारत के लिए वहां के रास्ते अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंचना बड़ा सुगम होगा और इसके लिए पाकिस्तान से जाने की जरूरत नहीं होगी। भारत सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि चाबहार में एक हवाई अड्डा पहले से चल रहा है। ईरान से आए एक अधिकारिक प्रतिनिधि मंडल ने पूछा है कि क्या भारत उसका और विकास तथा आधुनिकीकरण करना चाहेगा। यह प्रस्ताव चाबहार बंदरगाह के विकास के द्विपक्षीय समझौते में ताजा प्रगति और स्थिति की समीक्षा के दौरान किया गया है। अधिकारी के अनुसार चर्चा के दौरान कहा गया कहा गया है कि वहां बंदरगाह सुविधाओं के साथ वायु परिवहन भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
गौरतलब है कि ईरान के राजमार्ग एवं शहरी विकास मंत्री डा अब्बास अखौंडी के नेतृत्व में ईरान के इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने नयी दिल्ली में भारत सरकार के साथ बैठक की। भारत के दल का नेतृत्व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया। ईरान के साथ अफगानिस्तान से आए प्रतिनिधि मंडल से भी चर्चा के बाद गडकरी ने उम्मीद जाहिर की कि चाबहार परियोजना भारत, ईरान और अफगानिस्तान के लिए विकास के नए द्वार खोलेगा तथा इससे क्षेत्रीय संपर्क व व्यापार बढ़ेगा। गडकरी ने कहा कि भारत चाबहार परियोजना को समय के अनुसार पूरा करने का प्रयास कर रहा है। भारत ने चाबहार बंदरगाह और वहां से संपर्क मार्ग के विकास के लिए ईरान, और अफगानिस्तान के साथ त्रिपक्षीय समझौते के तहत 50 करोड़ डॉलर निवेश की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।