मौजूदा वित्त वर्ष खत्म होने में दो दिन का वक्त बचा है। लेकिन, अभी तक डायरेक्ट टैक्स के द्वारा जो टैक्स कलेक्शन हो पाया है, वह तय लक्ष्य से कम है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने आयकर विभाग को एक चिट्ठी लिखी है और आने वाली चुनौतियों के प्रति आगाह किया है। बिजनस स्टैंडर्ड की रिपोट् के मुताबिक मंगलवार तक 10.29 ट्रिलियन रुपये का टैक्स इकट्ठा हुआ है, जो कि पिछले साल के मुकाबले 12.5 प्रतिशत कम है। गौरतलब है कि 2018-19 के लिए संशोधित बजट का टारगेट 12 ट्रिलियन रुपये तय किया गया था। ऐसे में लक्ष्य से 1.5 लाख करोड़ रुपये की कम टैक्स वसूली हुई है।

26 मार्च को लिखे अपने खत में CBDT ने लिखा है, “23 मार्च तक ऑनलाइन टैक्स एकाउंटिंग सिस्टम के तहत डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन सिर्फ 85.1 फीसदी ही हो पाया है।” CBDT के मुताबिक अभी तक जितना भी टैक्स कलेक्शन हुआ है वह चिंता का विषय है। क्योंकि, मार्च के बीच (दूसरे सप्ताह) में जहां टैक्स कलेक्सन का ग्रोथ माइनस 5.2 फीसदी था वह अब माइस 6.9 फीसदी हो चुका है।

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बिजनस स्टैंर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक CBDT ने पत्र में कहा है, “बोर्ड आपके साथ (इनकम टैक्स विभाग) कई माध्यमों के जरिए रणनीति तय करने को लेकर बातचीत कर चुका है और आपकी रणनीति की वजह से सफलताएं भी मिली हैं, यही वजह है कि टैक्स कलेक्शन में सुधार भी देखने को मिला है। लेकिन, फिर भी प्राप्त आंकड़े कुछ और ही तस्वीर पेश कर रहे हैं।” चिट्ठी में तत्काल प्रभाव से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया है।

अखाबर के रिपोर्ट में एक आयकर आधिकारी का जिक्र है, जिसने बताया है, “अंतरिम बजट 2019-20 में 50,000 करोड़ की बढ़ोतरी से संशोधित टारेगट को पूरा करने मुश्किल हो चुका है। हालांकि, फिर भी विभाग रेवेन्यू को बढ़ाने की पूरी कोशिश में जुटा है। अगर वर्तमान गति से टैक्स वसूली की जाती है तो 50,000 से 60,000 करोड़ की कमी फिर भी दिखाई दे रही है। आयकर अधिकारी ने अनुमान के तहत बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में टैक्स कलेक्शन11.3 और 11.5 ट्रिलियन रुपये के बीच रह सकता है।