केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने गुरुवार को कहा कि नकदी निकासी की अधिकतम सीमा एक जनवरी से हटाई जा सकती है, क्योंकि रोजाना 25-30 करोड़ नोट छापे जा रहे हैं। गंगवार ने सीएनबीसी टीवी18 से गुरुवार को एक साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे बताया गया है कि रोजाना 25-30 करोड़ नोट छापे जा रहे हैं। एक जनवरी से नकदी निकालने की अधिकतम सीमा हटाई जा सकती है। सीमित मात्रा में पैसे निकालने से आ रही परेशानी 30 दिसंबर से कम होगी। पिछले कुछ दिनों में लेनदेन में सुधार देखा जा सकता है।’
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते आठ नवंबर को 500 रुपये तथा 1,000 रुपए के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था, जिससे पूरे देश में काफी विवाद हुआ था। बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारें आम बात हो गई थी, क्योंकि बैंकों को पर्याप्त मात्रा में नकदी मुहैया नहीं हो पा रही थी।
मंत्री ने कहा कि नोटबंदी की घोषणा से पहले पर्याप्त मात्रा में नए नोटों की छपाई नहीं की जा सकती थी, क्योंकि इससे नोटबंदी की खबर पहले ही लीक हो जाती, जबकि इसकी घोषणा अचानक की जानी थी। यह बात खासकर 500 रुपये के नए नोटों के लिए सही है, क्योंकि उसकी छपाई 10 नवंबर के बाद शुरू हुई। उन्होंने कहा, ‘नए नोटों को पहले नहीं छापा जा सकता था, क्योंकि इससे नोटबंदी की खबर लीक हो जाती।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी का ऐलान किए जाने के बाद बैंकों और एटीएम से कैश निकालने की एक सीमा तय की गई थी। निकासी को लेकर आरबीआई ने कई बार लिमिट बदली थी। अभी बैंक से एक सप्ताह में 24 हजार रुपए निकाले जा सकते हैं, वहीं एटीएम मशीन से एक दिन में केवल 2500 रुपए निकाल सकते हैं। यह सीमा नए नोटों की कमी की वजह से की गई थी, ताकि लोगों को कैश की दिक्कत ना हो।
नोटबंदी के बाद लोगों को कैश के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी लाइनें देखने को मिली। कई बैंकों और एटीएम के बाहर अभी भी लंबी लाइनें देखने को मिल रही हैं। लोगों को कैश नहीं मिल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैश की समस्या अभी भी नहीं सुलझी है। अभी केवल 40 फीसदी एटीएम मशीन में ही कैश बताया जा रहा है।