कोरोनावायरस के कारण भारत में यूज्ड कारों की डिमांड लगातार बढ़ रही है। दरअसल कोरोनावायरस में खराब अर्थव्यवस्था के कारण लोगों की आमदनी घटी है, परंतु संक्रमण से बचाव की वजह से लोग अभी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने से परहेज कर रहे हैं। इसलिए लोग नई कार का बजट ना होने के कारण पुरानी कारें ज्यादा खरीद रहे हैं। इस वजह से यूज्ड कार इंडस्ट्री में उछाल देखने को भी मिल रहा है।
कोरोना महामारी के बाद अगस्त में इस साल फरवरी के मुकाबले पुरानी कारों की डिमांड 133 फ़ीसदी बढ़ी है। अगर आप भी पुरानी कार खरीदने के इच्छुक हैं तो आपको बता दें आप लोन पर भी यूज्ड कार खरीद सकते हैं। यूज्ड कार खरीदने पर कंपनियां लोन भी ज्यादा नहीं ले रही और इनकी किस्तें भी भारी नहीं है। आइए जानते हैं लोन पर यूज्ड कार खरीदने के क्या-क्या फायदे हैं…
नई कार के मुकाबले कम होगी कीमत: सबसे महत्वपूर्ण बात है कि लोन पर यूज्ड कार की कीमत नई कार के मुकाबले काफी कम होती है। इस कारण लोन पर यूज्ड कार खरीदने वाले ग्राहक का कॉस्ट ऑफ इंश्योरेंस भी घट जाता है। अहम बात यह है कि आपके ऊपर लोन की राशि भी कम रहती है और रिपेमेंट की अवधि भी काफी होती है।
रिपेमेंट टर्म भी ज्यादा होता है: यूज्ड कारों के लोन पर रिपेमेंट की अवधि भी काफ़ी होती है। इसके लिए कार कंपनियां और बैंक अपने ग्राहक को लोन रिपेमेंट के लिए 4 से 5 साल का वक्त देती हैं। ऐसे में ग्राहकों के लिए लोन की अदायगी करना आसान होता है।
भारी नहीं होती किस्तें: कम लोन और रिपेमेंट की ज्यादा अवधि होने के कारण लोन पर यूज्ड कार लेने की किस्तें भी भारी नहीं होती। इसलिए इन किस्तों को चुकाने में ग्राहकों को दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता।
कुछ रकम आपको भी चुकानी पड़ेगी: यहां यह बात ध्यान देना जरूरी है कि पुरानी कार खरीदने पर आपको उसकी कुल वैल्यू के 80 फीसदी के बराबर ही लोन मिलेगा। इसके अलावा बाकी बची 20 फीसदी रकम कर्जधारक को डाउनपेमेंट के तौर पर कार मालिक को चुकानी होगी। यूज्ड कार के कर्जों पर रिपेमेंट की अवधि भले ही ज्यादा मिल जाती है, लेकिन ब्याज की दर थोड़ी अधिक होती है। ऐसे में कोशिश यही करें कि लोन के तौर पर कम ही राशि लें और ज्यादा से ज्यादा डाउन पेमेंट कर दें।