कोरोना वायरस संकट ने दुनिया भर की आर्थिक व्यवस्था को डगमगा दिया है। भारत में इस संकट का असर बखूबी देखा जा रहा है। हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक कैब सेवा प्रदाता UBER ने भारत में 600 लोगों को नौकरी से बाहर करने की घोषणा की है, जो उबर की भारत में कुल कार्यबल का 25% है। कंपनी ने बयान में कहा कि कोरोनोवायरस महामारी के कारण हम ऐसा करने के लिए मजबूर हैं।

यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जिन लोगों को नौकरी से बाहर किया गया है, उन्हें कंपनी 10 से 12 सप्ताह की सैलेरी और अगले छह महीनों के लिए चिकित्सा बीमा की सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। उबर के भारत और दक्षिण एशिया व्यवसायों के अध्यक्ष प्रदीप परमेस्वरन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “उबर कंपनी के लिए आज बेहद दुखद दिन है। हमने यह निर्णय इसलिए लिया ताकि हम भविष्य को विश्वास के साथ देख सकें। उन्होंने कहा, “मैं सहयोगियों को विदा करने के लिए माफी चाहता हूं और उबर राइडर्स और भारत में काम करने वाले ड्राइवर्स का उनके योगदान के लिए उनका हार्दिक धन्यवाद करता हूं।”

भारत में मार्च के अंत से लॉकडाउन है, जिसके चलते देश भर में सभी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बंद कर दिया गया है। हालांकि लॉकडाउन के चौ​थे चरण में कुछ इलाकों में कैब सर्विस को शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है, लेकिन लोग कोरोना वायरस के कारण घर से कम ही निकल रहें हैं। बता दें, न सिर्फ उबर बल्कि ओला ने भी राइड्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और फूड बिजनेस से 1,400 कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा कर दी है। जिसके पीछे रेवेन्यू में बीते दो महीने में दर्ज की गई 95 फीसदी की गिरावट है।

वहीं Zomato और Swiggy जैसे कई कंपनियों की तरफ से भी छंटनी की घोषणा की गई है। Zomato ने अपने 4,000-कर्मचारियों में से 13 प्रतिशत को कम कर दिया है,जबकि Swiggy ने कहा कि यह 1,100 कर्मचारियों को कम करेगी।