भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार मौजूदा समय में कोरोना की मार झेल रहा है। हालांकि बीते कुछ महीनों से लॉकडाउन में मिली ढील के बाद कारोबार पटरी पर आया है। इसी बीच सरकार की तरफ से भी वाहन निर्माता कंपनियों एक बड़ी राहत मिलने के आसार मिल रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए हैं कि दोपहिया वाहनों पर लागू किए गए GST दरों में संसोधन पर विचार किया जा सकता है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ हुई बैठक में निर्मला सीतारमण ने कहा है कि दोपहिया वाहन न तो लग्जरी आईटम है और न ही यह अहितकर सामानों की श्रेणी में आता है। ऐसे में इसके जीएसटी दरों पर विचार किया जा सकता है। मौजूदा समय में दोपहिया वाहनों पर 28 प्रतिशत GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू किया गया है। जिसका सीधा असर वाहनों की कीमत में पर पड़ता है। यदि सरकार दोपहिया वाहनों पर लागू किए जाने वाले जीएसटी दरों में कटौती करती है तो वाहनों की कीमत में भारी कमी देखने को मिल सकती है।

बता दें कि, लंबे समय से देश की दोपहिया वाहन निर्माता कंपनियां सरकार से लगातार मांग कर रही हैं कि GST दरों में संसोधन किया जाए। अब निर्मला सीतारमण द्वारा दिए गए संकेतों से इंडस्ट्री ने थोड़ी राहत की सांस जरूरी ली है। आज के समय में दोपहिया वाहन मध्यम वर्ग के लिए पहली जरूरत बन गया है और लोग भारी मात्रा में इसका उपयोग भी कर रहे हैं। लेकिन उंची कीमत के कारण लोगों को अपनी पसंद के साथ समझौता भी करना पड़ता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 41 वीं जीएसटी परिषद की बैठक करेंगी, इस बैठक में दोपहिया वाहनों के जीएसटी दरों के संसोधन पर विचार किया जा सकता है। दोपहिया वाहनों की जीएसटी दरों में कमी के कारण निर्माताओं को उम्मीद है कि परिषद द्वारा सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी Hero MotoCorp ने सरकार से दुपहिया वाहन श्रेणी में जीएसटी दर में चरणबद्ध तरीके से कमी लाने का आग्रह किया था। कंपनी का कहना था कि, इसकी शुरुआत 150 सीसी की मोटरसाइकिल को जीएसटी के 18 प्रतिशत स्लैब में लाकर की जा सकती है।