कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनियाभर के उद्योग ठप पड़े हैं। जिसके कारण अब तक हजारों लोगों की नौकरी जा चुकी है। भारत में लॉकडाउन 4.0 में मिली कुछ छूट के बाद वाहन निर्माता कंपनियां सक्रिय हो गई हैं, लेकिन ब्रिकी के स्तर में इजाफा नहीं हुआ है। बता दें, पाकिस्तान में भी अप्रैल के पूरी महीने में एक भी गाड़ी की ब्रिकी नहीं की गई है।

पाकिस्तान के मीडिया आउटलेट Samaa की एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल के महीने में पूरे देश में सिर्फ 39 इकाइयां बेची गईं। वहीं पाकिस्तान ऑटोमोटिव निर्माता संघ (पीएएमए) ने बताया कि बीते महीनें कुल 39 ट्रक और बसों को जरूर बेचा गया है। अन्य देशों की तरह ही पाकिस्तान में भी मार्च के अंत से तालाबंदी है, जिसके परिणामस्वरूप ब्रिकी के य आंकड़े दर्ज किए गए हैं। समा के मुताबिक इंडस मोटर और होंडा कार ने पाकिस्तान में अपने वाहनों की कीमतों में इजाफा किया है।

बता दें, 2019 से ही ऑटो सेक्टर में वाहनों की मांग लगतार घट रही है, वहीं इस सेक्टर का पाकिस्तान की जीडीपी में कुल 4% का योगदान है। हालांकि अब वहां 11 मई से लॉकडाउन के बीच कुछ ढील शुरू हुई है, बावजूद इसके ब्रिकी के आंकड़े वहीं मौजूद हैं। पाकिस्तान के विश्लेषकों का अनुमान है कि 2021 तक जाकर कोई भी वसूली संभव नहीं होगी। वर्तमान में जो दौर है, उसे देखा जाए तो इस सेक्टर को उभरने में लंबा समय लग सकता है।

ब्रिटेन में कार का प्रोडक्शन कई दशकों में सबसे निचले स्तर पर है, वहीं कार का रजिस्ट्रेशन दुनिया भर मे करीब 78% वर्ष-दर-वर्ष गिर रहा है। कोरोना वायरस का भारत में पहला केस मार्च के शुरुआत में देखा गया था, जिसके अब लगभग तीन महीने बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या 1.5 लाख पहुंच चुकी है। इस महामारी का अभी तक कोई इलाज संभव नहीं है, सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए ही इसे फैलने से रोका जा सकता है।