Union Ministry of Road Transport and Highways ने टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार एक्सीडेंट में हुई मौत के बाद सड़क और वाहन सुरक्षा को लेकर सख्त कदम से उठाने से लेकर नए नियम बनाने शुरू कर दिए हैं। जिसमें मंत्रालय ने कार में यात्रा करते वक्त रियर सीटों पर सीट बेल्ट रिमाइंडर को अनिवार्य बनाने के लिए एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को जारी किया है।

परिवहन मंत्रालय कार में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों के लिए सीट बेल्ट रिमाइंडर को अनिवार्य बनाने के लिए तेजी से नए नियम बनाने की दिशा में कर रहा है और ये ड्राफ्ट नोटिफिकेशन उसी का एक हिस्सा है।

मंत्रालय ने जारी किए गए इस ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पर 5 अक्टूबर 2022 तक जनता की राय ली जाएगी ताकि मंत्रालय को जनता की राय और उनके सुझावों की सही जानकारी मिल सके। इस ड्राफ्ट के मुताबिक, कार में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए फ्रंट सीट के साथ अब रियर सीटों पर बैठने वाले यात्रियों के लिए भी सीट बेल्ट रिमाइंडर को अनिवार्य किया जाएगा।

मंत्रालय ने ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड 156 (AIS 156)में संशोधन करते हुए इस ड्राफ्ट में रियर सीटों पर सीट बेल्ट रिमाइंडर अनिवार्य बनाने की बात कही है। इसे दो कैटेगिरी में बांटा गया है जिसमें एम और एन बनाया गया है और ये दोनों स्टैंडर्ड एक्विपमेंट्स का एक भाग है। मंत्रालय ने ड्राफ्ट में रियर सीटों पर सीट बेल्ट न लगाने के लिए किसी तरह के चालान या सजा का प्रावधान नहीं किया है।

कार की रियर सीटों पर सीट बेल्ट रिमाइंडर को अनिवार्य बनाने के लिए जारी किए गए ड्राफ्ट से पहले मंत्रालय एक और ड्राफ्ट जारी कर चुका है जिसमें सभी कारों में छह एयरबैग को अनिवार्य बनाने की बात कही गई है। छह एयरबैग को लेकर जारी ड्राफ्ट के मुताबिक, इस नियम को 1 अक्टूबर 2022 से लागू होना है।

कार में छह एयरबैग लगाने को अनिवार्य बनाने के इस नियम को लेकर ऑटो सेक्टर में अलग अलग तरह की प्रतिक्रिया को दर्ज किया गया है। जिसमें कार कंपनियों के मुताबिक छह एयरबैग लगाने के बाद कार की प्रोडक्शन कोस्ट में इजाफा होगा। प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने के साथ कंपनी को अपनी कारों की कीमत में भी इजाफा करना होगा जिसके बाद कार कंपनियों को अपनी कारों की बिक्री में गिरावट होने का डर सता रहा है।

दूसरी तरफ विशेषज्ञों का कहना है कि कार में छह एयरबैग दिए जाने का नियम अनिवार्य बनाने से एक तरफ सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को कम किया जा सकेगा दूसरी तरफ कार कंपनियों में एक सकारात्मक प्रतियोगिता का माहौल पैदा होगा कि कैसे अपनी कारों को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकता है।