सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग और इस्तेमाल को बढ़ावा देने वाली फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को बढ़ा दिया है।

दो साल के लिए बढ़ाई डेडलाइन: इस योजना को दो साल 31 मार्च, 2024 तक के लिये बढ़ा दिया गया है। इस बारे में उद्योग मंडल फिक्की ने कहा कि योजना की समयसीमा बढ़ाये जाने से उद्योग को इलेक्ट्रिक वाहनों की टाली गयी मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि फेम इंडिया योजना (इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से विनिर्माण और उपयोग) के दूसरे चरण में सार्वजनिक और साझा परिवहन साधनों को बिजली चालित बनाने पर जोर है। सरकार ने पर्यावरण अनुकूल वाहनों को बढ़ावा देने के मकसद से फेम इंडिया योजना 2015 में शुरू की थी।

योजना में आंशिक संशोधन किया था: बता दें कि हाल ही में सरकार ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स इन इंडिया चरण दो (फेम इंडिया दो) योजना में आंशिक संशोधन किया है। इसके तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया के लिए मांग प्रोत्साहन को बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति केडब्ल्यूएच कर दिया गया है। पहले सभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 10,000 प्रति केडब्ल्यूएच की समान सब्सिडी थी।

इनमें प्लग इन हाइब्रिड और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड शामिल हैं। बसें इसमें शामिल नहीं हैं। ताजा संशोधन के तहत भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक दोपहिया के लिए प्रोत्साहन की सीमा को वाहन की लागत के 40 प्रतिशत तक सीमित किया है। पहले यह सीमा 20 प्रतिशत थी।

इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों का मानना है कि फेम-दो के तहत सरकार ने वाहनों (इलेक्ट्रिक) पर सब्सिडी में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर एक ‘शानदार कदम’ उठाया है। यह देश में पर्यावरणनुकूल वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ाने की दृष्टि से एक पासा पलटने वाला कदम होगा।

अब 100 किलोमीटर/प्रति चार्ज वाले ‘सिटी स्पीड इलेक्ट्रिक स्कूटर’ की कीमत 60,000 रुपये से कम हो जाएगी। वहीं 80 किलोमीटर रेंज वाले हाई स्पीड स्कूटर की कीमत करीब एक लाख रुपये बैठेगी।