मारुति सुजुकी की सबसे पुरानी गाड़ियों में से एक Maruti Gypsy का जलवा आज भी काय है। तकरीबन तीन दशकों तक देश की सड़कों पर राज करने के बाद ​बीते दिनों कंपनी ने आधिकारिक घोषणा की थी कि इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया जाएगा। Maruti Gypsy आम लोगों के साथ साथ भारतीय सेना की भी पहली पसंद है। कंपनी के इस फैसले के बाद भारतीय सेना को की जाने वाली सप्लाई पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ हो गया था। लेकिन अब एक बार फिर से मारुति सुजुकी जिप्सी की सप्लाई सेना को की जाएगी।

दरअसल, मारुति सुजुकी ने नए नियमों के अनुसार अपनी इस एसयूवी में बदलाव न किए जाने का फैसला किया था। जिसके बाद से प्रोडक्शन को बंद किया गया। लेकिन सरकार की तरफ से कंपनी को इन नियमों में छूट मिली है और सेना को सप्लाई करने करने की मंजूरी भी मिल गई है। ये छूट रक्षा मंत्रालय द्वारा कंपनी को दी गई है, ताकि जल्द से जल्द सेना के ऑर्डर को पूरा किया जा सके।

देश के कई ​सीमावर्ती इलाकों, विशेषकर पहाड़ी इलाकों में Maruti Gypsy बहुत ही कारगर साबित होती है। कश्मीर और नार्थ इस्ट के संकरे और पतले पहाड़ी रास्तों पर ये एसयूवी फर्राटा भरते हुए दौड़ती है। ऐसे रास्तों पर दूसरी गाड़ियां तकरीबन फेल हो जाती हैं लेकिन मारुति जिप्सी को बहुत ही सुगमता से इन रास्तों पर दौड़ाया जा सकता है।

यही कारण है कि भारतीय सेना अधिकांश हिस्सों में इस गाड़ी का प्रयोग करती है। जानकारी के अनुसार जब कंपनी ने इसके प्रोडक्शन की घोषणा की थी, उसके बाद भी भारतीय सेना ने कंपनी को जिप्सी का ऑर्डर दिया था, इस ऑर्डर में 3051 जिप्सी की मांग की गई थी। लेकिन उस दौरान कंपनी ने यह कहा था कि, Maruti Gypsy 2019 के नए सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करती है ​इसलिए इनकी आपूर्ति नहीं की जा सकती है। इसके अलावा कंपनी ने नियमों में छूट की मांग भी की थी।