हैदराबाद के एक उपभोक्ता फोरम ने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और उसके डीलर वरुण मोटर्स को ऑल्टो 800 के एक मालिक को 1 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। ये मुआवजा देने का आदेश इसलिए दिया गया है क्योंकि कंपनी और डीलरशिप पर आरोप है कि वो Maruti Alto में खराब हॉर्न को बदलने में नाकाम रहे।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद के रहने वाले के सुदर्शन रेड्डी ने साल 2014 में कंपनी के डीलर वरुण मोटर्स से Maruti Alto 800 कार खरीदी थी। उनका कहना है कि जब उन्होनें कार खरीदी थी उसी वक्त कार के विंडस्क्रीन में डैमेज था, इसके अलावा इंजन से आवाज आ रही थी और पीछे के दरवाजे का लॉक भी डैमेज था। इतना ही नहीं कार का हॉर्न भी काम नहीं कर रहा था।
जिसके बाद रेड्डी ने सबसे पहले इस बात की जानकारी डीलरशिप को दी। रेड्डी का आरोप है कि कंपनी के वर्कशॉप पर कार के हॉर्न को छोड़कर अन्य पाटर्स को बदल दिया गया। इस बात की शिकायत रेड्डी ने फोरम में की, उन्होनें कंपनी और डीलर पर आरोप लगाते हुए फोरम को बताया कि इस खराब हॉर्न के चलते उनकी दिनचर्या ही बदल गई।
रेड्डी ने फोरम में शिकायत की है कि, खराब हॉर्न के चलते उन्हें हैदराबाद के भारी ट्रैफिक में बेहद स्लो स्पीड में चलना पड़ता था। स्लो स्पीड में चलने के नाते उन्हें घर से जल्दी निकलना होता था। इसके अलावा एक बार हॉर्न के न होने के के चलते छोटा सा एक्सीडेंट भी हो गया था। धीम गति में गाड़ी चलाने के नाते उनकी कार ज्यादा ईंधन खपत करती थी और माइलेज बहुत कम हो गया था।
वहीं मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने एक लिखित बयान पेश किया है, जिसमें कहा गया कि रेड्डी ने हॉर्न के बारे में किसी भी तरह की शिकायत दर्ज नहीं कराई थी। लेकिन जब हॉर्न में डिफाल्ट पाया गया तो उसे ठीक कर के वाहन को उसी दिन उन्हें डिलीवर कर दिया गया था। मारुति ने यह भी दावा किया है कि रेड्डी द्वारा दुर्घटना और खराब हॉर्न का लगाया गया आरोप गलत है। इसके अलावा डीलर वरुण मोटर्स ने कहा कि डीलर केवल यांत्रिक सेवाएं प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है।
सभी पार्टियों के बयान को सुनने के बाद बेंच ने कहा कि, “कार्यात्मक हॉर्न के अभाव में दुर्घटना होने की संभावना हमेशा रहती है, विशेष रूप से हैदराबाद जैसे भारी ट्रैफिक वाले शहर में। ऐसे भीड़ भाड़ वाले शहर में वाहन में हॉर्न का होना बेहद ही आवश्यक है। यदि ऐसी स्थिति में गाड़ी का हॉर्न काम नहीं करता है तो दुर्घटना होने की आशंका होती है। फोरम ने रेड्डी के पक्ष में फैसला सुनाया और मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और वरुण मोटर्स को मुआवजे के तौर पर रेड्डी को 1 लाख रुपये देने का आदेश दिया।
