#JCBKiKhudai: आज कल सोशल मीडिया पर क्या वायरल हो सकता है इसका कोई अंदाजा नहीं है। भारतीय होनहारों ने कुछ नहीं तो ‘JCB की खुदाई’ को ही ट्रेंड में ला दिया। JCB एक ऐसी मशीन जो आए दिन सड़क, मैदान या फिर किसी भी कंस्ट्रक्शन साइट पर जमीन खोदते दिख जाती है। इसके ट्रेंड होने के पीछे एक खास वजह बताई जा रही है।
जानकारों का मनना है कि देश में बहुतायत लोग JCB की खुदाई को देखने के लिए इकट्ठा हो जाते हैं। हालांकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं समझाया गया है लेकिन इससे ये जरूर साफ हो जाता है कि, हम भारतीय कितने खाली हैं। बहरहाल, भारतीयों के JCB के प्रति इस समर्पण को देखकर कंपनी काफी खुश हुई है और उन्होनें ट्वीटर पर बधाई भी दी है। जब JCB की चर्चा चहूं ओर हो रही है तो हमने सोचा किस इसके बारे में कुछ खास और रोचक बातें आपको बताएं, जिनसे शायद आप अब तक अनजान होंगे। तो आइये जानते हैं JCB से जुड़ी रोचक बातें —
1. JCB ब्रिटेन की कंस्ट्रक्शन एक्यूपमेंट निर्माता कंपनी है, इसका मुख्यालय यूनाइटेड किंगडम के रोसेस्टर, स्टैफ़र्डशायर शहर में है। इस प्लांट दुनिया के 4 अलग अलग महाद्वीपों पर स्थित है।
2. JCB कंपनी का नाम इसके संस्थापक ‘जोसेफ सीरिल बेमफोर्ड’ के नाम पर रखा गया है। इनका जन्म एक कैथोलिक परिवार में स्टॉक्सफोर्डशायर शहर में हुआ था।
3. सन 1945 में जोसेफ बेमफोर्ड ने सबसे पहली मशीन एक टीपिंग ट्रेलर को बनाया था। जिसे उस वक्त स्थानीय बाजार में महज 45 पौंड यानी की आज के हिसाब से तकरीबन 3,970 भारतीय मुद्रा में बेचा गया था।
4. 1948 में JCB में 6 और कर्मचारी शामिल हुएं और इन लोगों ने हाइड्रोलिक टीपिंग ट्रेलर पर काम करना शुरू किया। हाइड्रोलिक आर्म ट्रैक्टर उस वक्त में कंपनी की सबसे पहली कमर्शियल एक्यूपमेंट थी।
5. बेकहो लोडर (backhoe loader) जिसके चलते आज JCB ट्रेंड में है एक खुदाई करने वाली मशीन है। ये इसका औद्योगिक नाम है। इसे सबसे पहली बार 1953 में जेसीबी द्वारा पेश किया गया था।
6. जिस शब्द ‘JCB’ पर आज हम भारतीय मीम बना रहे हैं वो बाकायदा ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में भी दर्ज है। इस शब्द को कंस्ट्रक्शन एक्यूपमेंट की तरह परिभाषित किया गया है।
7. 1978 में, जेसीबी ने लोडर मशीन की शुरुआत की, जिसका उपयोग माल लोड करने के लिए किया जाता है। इसका वजन लगभग 11090 किलोग्राम या 24,449 पाउंड है।
8. दुनिया का पहला और सबसे तेज रफ्तार ट्रैक्टर बनाने का श्रेय भी JCB के नाम है। ये ट्रैक्टर उस दौर में भी 65 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम था। इस ट्रैक्टर को Fastrac नाम से जाना जाता है, इतना ही नहीं इस ट्रैक्टर ने प्रिंस ऑफ वेल्स पुरस्कार भी जीता है।
9. दुनिया भर में जितनी भी JCB मशीनों का निर्माण और विक्रय किया जाता है। उन्हें बनाने के बाद तकरीबन 400 से ज्यादा गुणवत्ता जांच से होकर गुजरना होता है। शायद यही कारण है कि कंस्ट्रक्शन एक्यूपमेंट की श्रेणी में इस कंपनी का कोई सानी नहीं है।
10. क्या आप जानते हैं JCB की सभी मशीनें पीले रंग की ही होती हैं, इसके पीछे मुख्य कारण ये है कि ये कंस्ट्रक्शन साइट पर आसानी से दिख सके। इसलिए JCB के सभी वाहन और मशीनें पीले रंग से पेंट की जाती हैं। दुनिया भर में लगभग 11000 लोग JCB कंपनी में काम करते हैं।