Honda Activa Electric: भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले स्कूटर Honda Activa फीचर्स से लेकर पावर तक सभी मामले में बाकी स्कूटर से कहीं ज्यादा है, और यही कारण है कि इस स्कूटर का कुछ दिनों से इलेक्ट्रिक वर्जन काफी चर्चाओं में है। जिसे ई-एममॉर्टल ऑटोमोटिव नाम की कंपनी ने तैयार किया है। जिसके अब तक चार प्रोटोटाइप बनाए गए हैं।बता दें, हमारी सहयोगी संस्थान एक्सप्रेस ड्राइव के लीजो मैथाई ने इस स्कूटर की टेस्ट ड्राइव का रिव्यू दिया है,आइए आपको विस्तार से बताते हैं।

इस स्कूटर को तैयार करने के लिए चीन से इसकी बैटरी और कंट्रोलर जैसे पार्ट्स को एक्सपोर्ट किया गया है। हालांकि बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम ताइवान और जापान बेस्ड है। स्कूटर की बॉडी में कोई बदलाव नहीं किया गया है,जबकि इसका कर्ब वेट 110kg से घटकर अब सिर्फ 70kg रह गया है। इस स्कूटर में 24ah li-ferrophosphate बैटरी का प्रयोग किया गया है, जो कम से कम 40-डिग्री तापमान पर ऑपरेट होती है। इस स्कूटर की स्क्रैप वेल्यू मात्र 1000 रुपये है। जबकि इसमें टीम ने मात्र 50,000 रुपये लगाकर इसे एक बेहतरीन इलेक्ट्रिक स्कूटर बना दिया है।

इस इलेक्ट्रिक एक्टिवा को दो ड्राइविंग मोड़ इको और पावर के हिसाब से तैयार किया गया है, जिसका इको मोड सिंगल चार्ज में 90किमी और पावर मोड़ में 80 किमी की ड्राइविंग रेंज देता है। इस स्कूटर में दो मोड़ में से किसी भी एक को चुनने के लिए मात्र एक बटन का इस्तेमाल करना होगा। इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की स्पीड की बात की जाए तो इसकी पावर मोड में टॉप स्पीड 60 किमी प्रति घंटा और इको में 40 किमी प्रति घंटा है। वहीं इसमें जिस बैटरी पैक का इस्तेमाल किया गया है वह भी स्वैपेबल है,और यह बैटरी पैक मात्र 12kg वजनी है।

सबसे बड़ा प्रशन चार्ज को लेकर आता है तो बता दें, साधारण सॉकेट के साथ इस स्कूटर को महज 4 घंटे में चार्ज किया सकता है। वहीं फास्ट चार्जिंग के जरिए इसे 2.3 घंटे में चार्ज किया जा सकेगा। जहां साधारण स्कूटर चलते हुए अपने साथ एक आवाज लेकर आते हैं वहीं इलेक्ट्रिक एक्टिवा साइलेंट है। यानी अगर आप हॉर्न का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो इसकी आवाज का अंदाजा लगाना नामुमकिन जैसा है। इस स्कूटर में एक मीटर कंसोल का भी इस्मेताल किया गया है, जो ड्राइविंग रेंज को दिखाता है।

स्कूटर में इस्तेमाल की गई बैटरी 1000W की है, जो लगभग 5hp की पावर और 9Nm का टॉर्क जनरेट करती है। बता दें, इस तरह के वाहन को अभी ARAI द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। इस इसे बनाने वाली टीम के मुताबिक इसके लिए उन्हें स्पोंसर्स की आवश्यकता है। क्योंकि एक वाहन के प्रमाणन के लिए करीब 15 से 20 लाख रुपये खर्च होंगे।