ब्रिटिश कंपनी केयर्न एनर्जी ने भारत सरकार के खिलाफ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अदालतों में दायर सभी मुकदमे वापस ले लिए हैं। इसके साथ ही पिछली तारीख से कराधान प्रावधान के तहत उससे वसूले गए करीब 7,900 करोड़ रुपये का कर लौटाने का रास्ता साफ हो गया है। केयर्न एनर्जी ने बुधवार को देश के कई समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर भारत सरकार के खिलाफ चल रहे सभी मुकदमे वापस लेने की जानकारी दी है। कंपनी ने सरकार के साथ इस बारे में सहमति पहले ही दे दी थी।

ब्रिटिश कंपनी ने कहा है कि वह अमेरिका से लेकर फ्रांस और नीदरलैंड्स से लेकर सिंगापुर की अदालतों तक में भारत सरकार के खिलाफ चल रहे सभी मामले वापस ले चुकी है। दरअसल, भारत सरकार ने गत अगस्त में पारित नए कानून में पिछली तारीख से कर वसूलने के प्रावधान को निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही संबंधित कंपनियों से कहा गया था कि अगर वे भारत सरकार के खिलाफ विभिन्न अदालतों में दायर अपने मुकदमे वापस ले लेती है, तो उन्हें इस प्रावधान के तहत वसूली गई राशि लौटा दी जाएगी।

आयकर अधिनियम में वर्ष 2012 में जोड़े गए इस प्रावधान के तहत भारत में कारोबार करने वाली विदेशी कंपनियों से विदेशी भूभाग में किए गए सौदों पर भी पिछली तारीख से कर वसूलने की व्यवस्था की गई थी। इस प्रावधान के तहत केयर्न और वोडाफोन समेत कई विदेशी कंपनियों से पिछली तारीख से कर वसूला गया था। इनमें से अकेले केयर्न से ही 7,900 करोड़ रुपये वसूले गए थे।

हालांकि, सरकार ने नए नियम को अधिसूचित करते हुए कुछ महीने पहले इससे जुड़े प्रक्रियागत नियम जारी किए थे। कर रिफंड के लिए जरूरी था कि संबंधित कंपनियां सरकार के समक्ष इसकी अर्जी दें और तमाम मुकदमे वापस लेने की पुष्टि करें। इसी क्रम में केयर्न ने यह विज्ञापन दिया है।

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केयर्न ने कहा है कि मुकदमे वापस लिए जाने के बाद उससे वसूले गए कर को रिफंड करने का रास्ता साफ हो जाएगा। अब भारत सरकार फॉर्म-4 जारी कर अंतिम चरण को अंजाम देगी जिसमें रिफंड के आदेश दिए जाएंगे।