आम बजट पेश करने की तारीख को लेकर कैबिनेट इस हफ्ते फैसला ले सकता है। मोदी सरकार बजट पेश करने की तारीख 1 फरवरी तय कर सकती है। अभी तक इस संबंध में सरकार चुनाव आयोग की हरी झंडी का इंतजार कर रही थी, जो अब उसे मिल गई है। दरअसल 2017 में पांच राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में सरकार चाहती थी कि बजट को चुनाव से पहले पेश कर दिया जाए। सरकार यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनाव के बीच बजट पेश करना नहीं चाहती थी।
अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में चुनाव आयोग से सलाह मांगी गई थी। आयोग ने वित्त मंत्रालय के विचार से सहमति जताते हुए कहा कि यह एक सालाना वित्तीय लेखा-जोखा है और सरकार की सहूलियत के हिसाब से कभी भी पेश किया जा सकता है। बजट की तारीख के संबंध में फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होनी वाली बैठक होगा। कैबिनेट की बैठक बुधवार या गुरूवार को होगी।
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मंत्रिमंडल ने 21 सितंबर को सैद्धांतिक रूप से केंद्रीय बजट फरवरी महीने के अंतिम दिन पेश किए जाने के उपनिवेशिक काल से चली आ रही परंपरा को समाप्त करने और इसे एक महीने पहले पेश करने का फैसला किया। इसका मकसद सालाना व्यय योजना और कर प्रस्तावों के लिये विधायी प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू नए वित्त वर्ष से पहले समाप्त करना था।
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जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था, ‘‘हम पूरी बजट प्रक्रिया और वित्त विधेयक पहले पारित कराकर इसे एक अप्रैल से लागू करना चाहते हैं न कि जून से। क्योंकि उसके बाद मानसून शुरू हो जाता है और व्यय प्रभावी तरीके से अक्तूबर से शुरू हो पाता है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि व्यय अप्रैल से शुरू हो जाए। जेटली ने कहा कि हम इस संबंध में समन्वय चाहते हैं ताकि बजट की घोषणा चुनाव के बीच न हो। यह उसके पहले या बाद में होना चाहिए। वित्त मंत्रालय प्रस्ताव करता रहा है कि बजट एक फरवरी को पेश किया जाए और पूरी प्रक्रिया 24 मार्च तक संपन्न हो जाए।
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