भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में लगातार कर्मचारियों की छंटनी का दौर जारी है। अब इसमें नया नाम देश की सबसे बड़ी एजुकेशन स्टार्टअप कंपनी Byju’s का भी जुड़ गया है। कंपनी ने एक झटके में अपने 1100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। इसमें कंपनी के अस्थाई के साथ-साथ स्थाई कर्मचारी भी शामिल हैं । हालांकि कंपनी ने इस पर सफाई दी है कि उसने केवल अपनी सहायक कंपनियों Whitehat Jr और Toppr में से केवल 500 कर्मचारियों की छंटनी की हैं, लेकिन नौकरी निकले गए कर्मचारियों ने इस दावे को झूठा बताया है और कहा है कि अकेले टॉपर टॉपर से ही 1100 कर्मचारियों की छुट्टी की गई है।
1 से 1.5 महीने का वेतन नहीं दिया: मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक निकाले गए कर्मचारियों में सेल्स, डिस्ट्रीब्यूशन ऑपरेशन, कंटेंट और डिजाइन टीमों से जुड़े स्थाई और अस्थाई कर्मचारी शामिल हैं। टॉपर से लगभग 300 से 350 अस्थाई कर्मचारियों को निकाला गया है जबकि 300 अन्य कर्मचारियों को एचआर की ओर से फोन करके इस्तीफा देने के लिए कहा गया है इसके साथ-साथ उनसे यह भी कहा गया है कि कंपनी की ओर से उन्हें एक से डेढ़ महीने की सैलरी का भुगतान नहीं किया जाएगा।
10 हजार से ज्यादा कर्मचारी गवां चुके जॉब: एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की 27 स्टार्टअप कंपनियों में कुल 10,029 कर्मचारी इस साल अपनी नौकरी खो चुके हैं। कर्मचारियों को नौकरी से निकालने वाले स्टार्टअप कंपनियों में कार्स 24, ओला, मीशो, एमपीएल, अनएकेडमी और वेदांतु जैसे बड़े यूनिकॉर्न का नाम शामिल हैं। मई में 9 स्टार्टअप कंपनियों द्वारा कुल 3379 कर्मचारियों की छंटनी की गई थी। वहीं जून में अब तक 10 कंपनियां अपने कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं।
सबसे ज्यादा छंटनी कंज्यूमर सर्विस स्टार्टअप्स में हुई है, इसके बाद ई-कॉमर्स और एजुकेशन स्टार्टअप्स का नंबर आता है। यदि तीनों सेक्टरों की सभी स्टार्टअप कंपनियों की ओर से की गई चटनी को जोड़ दिया जाए तो अब तक कुल 8659 कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है।
छंटनी के पीछे का कारण: कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के पीछे सबसे बड़ा कारण स्टार्टअप्स को मिलने वाली फंडिंग में कमी आना है। इस साल की पहली तिमाही में भारतीय स्टार्टअप्स ने कुल 11.7 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई थी जबकि अप्रैल में यह घटकर केवल 3.4 अरब डॉलर और मई में घटकर यह केवल 1.6 अरब डॉलर पर आ गई है।